कभीं इस whatsap को भी तुम्हारे मैसेज का इंतज़ार होगा ।
जो शायद पहले कभी हुआ नहीं वो इस बार होगा।
कट रहे है दिन बीत रहीं है रातें तन्हाई में।
शायद ये आख़िरी मौक़ा मिला है मुझे तुम्हें अपनी बातें समझाने में ।
कहना तो बहुत कुछ चाहता हूँ इसलिए reel भेज देता हूँ बहाने में ।
क्या पता तुम भी हमे जानना चाहो इसी ज़माने में।
बदल रहे है लोग और बदल रही है ख्वाहिशें इस गिरगिट के ज़माने में ।
और मैं एक पागल बेवकूफ़ लगा हूँ तुम्हें अपना बनाने में।
सुन मेरे दिल की आवाज़ को किसी मैखाने में।
नहीं तो मिट जाएगी मेरी हस्ती किसी तहखाने में।
शायद कभी इस whatsapp को भी तुम्हारे मैसेज का इंतज़ार होगा ।
ता उमर ना सही , मगर जबतक होगा बेशुमार होगा।
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देखा तुझे जबसे जाना है मोहब्बत क्या होती है,
सुना था मैंने कि हर दिन एक नई सुबह होती है,
मगर तुझसे मिलके जाना कि प्यार की कमी क्या होती है,
जैसे दोनों को इश्क हो या जरूरी तो नहीं लेकिन एक को मोहब्बत बेइंतहा होती है।-
नाजाने इस मौसम का मुझे कब से इंतज़ार था,
बारिश की बूँदों में कुछ अनकहा अल्फ़ाज़ था,
बहुत समय बाद मेरी आँखों में भी किसी के लिए प्यार था,
कमबख्त आख़िर ख़ुशी तो हमें तब हुई जब पता चला,
प्यार बस एक दिल में नहीं,
इश्क तो दोनो दिलो में बेशुमार था,
हां मैं कहता हूं मुझे बस तेरी जैसी का इंतजार था....-
दिन हुआ है तो रात भी होगी,
तेरे मेरे दिल की मुलाक़ात भी होगी,
अपने दिल पे बस थोड़ा काबू रखना ए मेरे दोस्त,
कल तक जो मैं तेरे लिए बस एक आम इंसान था आने वाले कल को तेरी मेरी जोड़ी सरेआम भी होगी....-
दिल क्या करे जब नींद ना आये,
मेरा दिल हर पल घबराये।
सोच समझ ना मुझे कुछ आये,
मेरा दिल तेरे ओर खिंचा चला जाए।
ख़्वाबों में भी तेरा ही चेहरा नज़र आये,
प्यार है ये जो हर दिन और बढ़ता जाए,
बस मैं तेरा दिल और तू मेरी जान बन जाये।-
गहराईं नापनी है तो रिश्ते की नापो,
वरना गंगा नदी को भी आज तक कोई नाप नहीं पाया।
बात करनी है तो अछाई की करो,
तुम्हारी बुराई करने के लिए तो पूरा ज़माना खड़ा है।
साथ देना है तो शादी तक का दो,
वरना ये आज के समय हर पल ब्रेक-अप तो होते रहते है।
दर्द देखना है तो दिल टूटे आशिक़ का देखो,
वरना ये टेम्पररी प्यार में हाथ काटने वाले तो बहुत मिलते है।
प्यार देखना है तो हमारा देखो,
वरना प्यार के नाम पे जिस्म की हवस वाले हज़ारों मिलेंगे।।।-
चलो मर जाते है तुम पर,
बोलो दफ़नाओगे क्या?
बोलो तुम पर बिखर जाते हैं,
समेट लोगे क्या?
देखो टूट जाते है आपके लिये,
बोलो जोड़ोगे क्या?
चलो हार मान गए,
बोलो मेरे हिस्से की जीत दोगे क्या?
चलो मेरे से शादी कर लो,
साथ निभा पाओगे क्या?-
तुम वही हो ,
जिसे मैं सपनों में देखा करता था,
बहती हुई नदी में सोचा करता था,
पहाड़ो की ठंडक में महसूस किया करता था,
आकाश मैं तारो के बीच में ढूँढा करता था,
ख़ुशी तो तब हुई जब पता चला कि,
तुम वही हो जिसका मैं इतने सालों से
इंतज़ार किया करता था।।।।-
तुमसे बातें करके जाना हमने,
की मोहब्बत कैसे होती है।
थोड़ी सी बरसात के बाद,
मिट्टी से सौंधी ख़ुशबू कैसे उठती है।
बातें करने के लिए बहुत लोग है,
मगर आँखें उसके मेसेज आने के इंतेज़ार में क्यों टिकी रहती है।
एक बार चेहरे के दर्शन कर लो तो,
भूख-प्यास कुछ नहीं लगती है,
आगे उस व्यक्ति एसई बात ना हो,
तो ज़िंदगी बेरंग सी लगती है,
तुम भी महसूस कर के देख लो,
क्या पता सच में मोहब्बत ऐसे ही होती है।-
एक लड़की से मिला था मैं,
या कोई क़िस्मत से मिली थी वो मुझे।
मुश्किलों में उसका साथ देना चाहता था मैं ,
मगर शायद मैंटली प्रीपेयर ना था मैं।
उम्र में थोड़ा छोटा था मैं,
बातों का थोड़ा अनोखा था मैं।
दिल की नेक स्पष्ट बोली की वो,
नादान सी मेरे इश्क़ में थी।
वो मुझे चाहती और मैं उसे चाहने लगा था।
मगर हमारा मिलन ना हो पाया,
जो बातें करी वो पूरी ना कर पाया।
आज भी अगर मौक़ा मिले तो उसके साथ,
कुछ ख़ुशी के पल बिताना चाहता हूँ।
उसके जीवन में अपनी कुछ यादें,
भरना चाहता हूँ।-