Sarthak Jain   (Zindadil - alive)
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|Dharmo rakshati rakshitah|
Joined 7 April 2017


|Dharmo rakshati rakshitah|
Joined 7 April 2017
7 APR AT 22:24

पनप रही हैं मोहब्बत दिल के एक कोने में
उसका आना कोई नकली धूप तो नहीं..

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7 APR AT 22:19

अब जो दोबारा इश्क हो गया
तो इश्क बदनाम हो जायेगा..

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13 NOV 2024 AT 18:26

माना की हमे माशूका की कमी खली है
मगर इस दौर में हम और हमारी सिगरेट भली है...

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8 APR 2024 AT 21:06

बिखरा हूं मैं, मिटा नही..

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15 MAR 2024 AT 10:23

खुद से ही नफरत होने लगी है
इतना टूटकर चाहा तुम्हे
अब चाहत से घिन होने लगी है..

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29 FEB 2024 AT 17:27

तेरी हर नाकामी, खामी को हमने अपनाया
बस तुझसे एक हम नही अपनाए गए...

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29 FEB 2024 AT 17:20

तुमसे इश्क संभला नही, इसलिए हम चल दिए,
खैर अब ये बताओ, कौनसी तरकीब निकाली है हमे बदनाम करने की...

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24 FEB 2024 AT 15:55

सांसे दंग है, धड़कने तेज़ है
बड़ी बेचैनी है,
हा हम उनका इंतजार कर रहे है..

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15 FEB 2024 AT 23:07

वो गुलाब भी सोच रहा होगा,
कौन है जिनके सामने मेरी सुंदरता फीकी पड़ रही है,
हमने इतरा कर कहा
जान है वो हमारी...

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7 FEB 2024 AT 20:26

अब हम उन्हे क्या ही गुलाब दे जो
हमारे लिए किसी गुलिस्तान से कम नहीं...

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