Sarita Om   (Sarita)
205 Followers · 97 Following

read more
Joined 18 June 2020


read more
Joined 18 June 2020
10 NOV 2022 AT 11:12

वक्त घाव तो भर देता है पर,,
जिंदगी भर उस जगह का दाग़ दिमाग में
दूसरा घाव बनाता रहता है।

-


16 OCT 2022 AT 0:03

कितना बहाया है तुम्हें
इन आंसुओं में,,
मगर ,, निकलते क्यूं नहीं
हो तुम।

-


1 OCT 2022 AT 10:49

कुछ श़ेर हुए हैं 👇

यूं ही तुम मुझे हैरान किए रहती हो।
जिंदगी क्यूं परेशान किए रहती हो।

आज तक जिसे भी हमने समझा अपना,
तुम उसी को ही अनजान किए रहती हो।

क्यूं उसी शख्स की याद दिला के हमको,
खामखां हमें बेजान किए रहती हो।

-


10 SEP 2022 AT 10:46

कितना अपनापन है दुःख में
तोड़ता है पर

साथ नहीं छोड़ता
कभी कहा है दुःख से भी 👇

I love you

-


10 SEP 2022 AT 1:07

कितने अरमान है सीने में ऐ सुनते हो क्या,
कितना वक्त है बाकी अब ऐ सुनते हो क्या,
काले बालों मेंचांदी की हल्की हल्की परत चढ़ी
जिम्मेदारी में ढलकर इन कंधों की ठसक झुकी
ओढ़ काम के कंबल रेगिस्तानों में चल कर आएं हैं
तुम भी थक तो गए होंगे,,,ऐ सुनते हो क्या।



Poetry in captions 👇❤️❤️







-


4 SEP 2022 AT 1:01

💔ग़ज़ल 💔
दर्द का कुछ तो दायरा होगा।
उम्र भर क्या ये सिलसिला होगा।

मोम जल-जल के ही ख़तम होगा,
इससे ज्यादा भी और क्या होगा।

क्यूं नहीं सुनता"तू",,, यहीं है न,
थक गए हैं क्या आसरा होगा।

कैप्शन में 👇






-


12 AUG 2022 AT 23:43

ग़ज़ल ❤️

हमें रुला कर उन्हें खुशी है।
हमें बता दो ये प्यार ही है।

तड़प के चाहे हमें, तो ऐसा,
जहां में कोई भी क्या कहीं है।

अरे निराशा, अरे निराशा,
मेरे ही पीछे तू क्यूं पड़ी है।

द़गा करेगी पता नहीं है,
ये जिंदगी भी कहां सगी है।

बहुत सिखाया हैं बेवफाओं,
कि नोट (💲) रिश्तों से भी बड़ी है










-


30 JUL 2022 AT 23:30

शिद्दत भी क्या कमाल शब्द है


हैं ना,,
जिसमें लग जाएं ,, दिल और दिमाग
दोनों उसी में लग जाते हैं,,लग जाते हैं मतलब
समझे न 😁😉

-


30 JUL 2022 AT 23:23

सुंदर सुंदर पुष्प खिले हैं
आंगन आंगन शहनाई है
विपदा कितनी निष्ठुर है
इसे नआना था तब आई है

दिल का दौरा माली को,
और पुष्प हुआ विह्वल लाचार,
धरती को कुछ समझ न आया,
क्यूं वक्त ने की निठुराई है।

पीड़ा-खुशियां दो सामां है,
मिलते हैं साझे में सबको,
जिसकी करनी सुंदर खुशियां,
बदसूरत ; पीड़ा पाई है।

-


25 JUL 2022 AT 0:46

ग़ज़ल 👇
दवा ही ज़हर बन गया है।
मुहब्बत बड़ी बेवफा है।

मुझे उससे कैसे गिला हो,
उसे जब गिला ही गिला है।

दुखाए थे दिल सबके मैंने,
सबक तुमसे अच्छा मिला है।

दिए कितने धोखे मुझे यूं
वफ़ा चीज़ क्या है पता है।

हमीं इश्क करते थे शायद
कहां उसकी कोई खता है।

चलो बेवफा ही सही वो
मगर दिल उसी पे फिदा है




-


Fetching Sarita Om Quotes