माथे पर चमकती लकीरों से,सालों की गिनती हो जाती है,अनुभवी आँखों से स्नेह छलकता,परिपक्वता मुस्कुराती है,मौन साक्षी बन कर देखती,हर क्षण का लुत्फ उठाती है,खिलती जाती पुनः मुस्कान,उम्र ज्यों-ज्यों चढ़ती जाती है। - सरिता
माथे पर चमकती लकीरों से,सालों की गिनती हो जाती है,अनुभवी आँखों से स्नेह छलकता,परिपक्वता मुस्कुराती है,मौन साक्षी बन कर देखती,हर क्षण का लुत्फ उठाती है,खिलती जाती पुनः मुस्कान,उम्र ज्यों-ज्यों चढ़ती जाती है।
- सरिता