काजल का रंग उसका आज और भी गहरा हैखारे पानी से धुलकर रूप ये सँवरा है। मुस्कान के पीछे भी कुछ पोशीदा से राज़ हैं;बादल भी आकर एक आँख तक ठहरा है। - Sarika Saxena
काजल का रंग उसका आज और भी गहरा हैखारे पानी से धुलकर रूप ये सँवरा है। मुस्कान के पीछे भी कुछ पोशीदा से राज़ हैं;बादल भी आकर एक आँख तक ठहरा है।
- Sarika Saxena