कहना उसका काम
करते रहो प्रयास निरंतर
जग में होगा नाम
-
इर्द-गिर्द घटने वाली परिस्थितियों को देख कर... read more
की बेटा बड़ा होकर तुम्हारा ख्याल रखे
अपना व्यक्तित्व जैसा है वैसा बरकरार रखे
तुमने जो संस्कार दिये ,उनकी कीमत ज़ेहन में रखे
पर आज की वास्तविकता पर भी नज़र रखे
विवाह के बाद बेटा जब अपना अलग वजूद रखे
माँ बाप से झूठ ,भाई बहन से कपट रखे
एक और बार कहती हूं ,आज की वास्तविकता पर भी नज़र रखे
खुद को ठगा सा महसूस या दुखी मत रखे
मेरा मशविरा है कि हद से ज्यादा उम्मीदें अपने लाल से मत रखे।
-
ve log jo dilo me nafrat palte hai,
apne sookun ka कत्ल
khud hi kr dalte hai..
-बया✍️-
मन मुताबिक कहा होता है
कहते तो है रात आज रोशन है,चाँद पूरा आया..
लेकिन चाँद का उजाला कहा होता है
-
सच कड़वा बोलकर भी,कोई है जो तेरा भला चाहता है।
खुद होकर साबित बुरा,रूह के रिश्तों को ठगना नही जानता है..
तू वही जानता है ,जो देखता;सुनता है लेकिन लानत है तुझ पर कि समझना नही जानता..
सत्य ही है वर्तमान का-आत्माओं को कोई नही जानता
केवल आवरण जानता है।-
दोगलों की इस दुनियां में
हर शख्श दोगला निकला
'सामने कुछ पीछे कुछ कहते है' लोग ,ये बात कहने निकला...
चाहे,आइना खुद नही देखेगा कभी ज़िंदगी में, लेकिन दुसरो को दिखाने निकला...
खुद करे दोगलापन तो 'दुनियादारी', और दूसरों को दगाबाज कहने निकला....
-
खोखले शब्दों की बरसात से
बेहतर है एक बूंद सच!
विश्वास था सो टूट गया
अरे इंसान, अब खुद टूटने से तो बच-
एक उम्र वह वक्त भी दिखाती है
जब लगता है कि इतनी दुनिया तो देख ली की ,दुनिया क्या है समझ मे आती है।
जब समझ और परिपक्वता गिर-गिरके उठने से आती है।
तब युवा विद्रोही मन करता है विद्रोह
तब लोगों का झूठ पाखंड बेवजह की बहानेबाजी और अपने नादान होने का दुःख की पराकाष्ठा ही बस होती है।
और जी चाहता है हर वक़्त विद्रोह कर दूं
झूठे को झूठा और पाखंडी को पाखंडी कह दूं
और बहाने बनाने वालों से दो टूक कह दूं,की बस अब "झूठ नही" बोलों,मैं अब इतना तो समझदार हू की सच को स्वीकार लूँगा।
केवल एक विनती है अब"छलना"नही।
हम सच स्वीकार लेंगे चाहे वह कड़वा ही क्यों न हों,लेकिन झूठ ,पाखंड से छला जाना स्वीकार नही।-
उन्हें खुद की खुशियों से ज़्यादा मेरी खुशियों की फ़िकर रहती है..
वो कही भी रहे मेरे फ़ोन के इंतज़ार में आँखे रहती है..
मेरी तरक़्क़ी पर सबसे ज्यादा खुश,और परेशानी में परेशान होते है
हिम्मत न हारना ,हर मुश्किल का हल है,
प्रयासों से ही जीवन सफल है,कहते है..
हां वो मेरे पिता है जिनसे मेरा मजबूत
व्यक्तित्व आज और उन्नत कल है।-
Sometimes when we loose our temperament and later regrets.
Don't ! It's ok...
There is always a huge reason, which forces you to do so.
When people make fun of you over and over again..there is always a endurance limit.
As limit go = temperament loosen.-