क्या अब नहीं मिलोगे
नए साल की सर्द रात मैं
क्या हमारा रिश्ता छूट गया है
पिछले दिसंबर की किसी शाम में
क्या छूट गया है तुम्हारा हाथ
मेरे हाथों की गिरफ्त से
क्या आजाद हो गया है तुम्हारा दिल
मेरे प्यार के बंधन से
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उसे Convince करना चाहता था,
अपना Province करना चाहता था
वह किसी और का हो गया वरना
From को Since करना चाहता था-
आख़िरी बार
चूम कर
तुम्हारा माथा,
प्रेम में
पूर्ण विराम
लगाना है-
वो गुलाब जो कभी हस्तांतरित नहीं हुए,
वो डाल से टूटकर भी हमेशा खिले रहे-
मैंने हार मानी नहीं चयनित की है,
जीतने वाले इस बात पर शर्मिंदा रहेंगे-
वो जीत सबसे शानदार थी,
जिसमें कोई हारा नहीं ,
वो प्रेम सबसे सुंदर था
जो उदास आदमी से किया गया
वो हिंसा सबसे क्रूर थी
जो प्रेम के आड़ में की गई।-
साथ देने का सबब मिलता नहीं तुमको,
छोड़ जाने के मगर कितने बहाने हैं-
अब मुझे ये मौत आ जाए तो बेहतर,
ज़िंदगी का तो तज़ुर्बा कर लिया है ।।-
हमारे दिल में हलचल कर रहा है,
तुम्हारा इश्क़ पागल कर रहा है ।।
कभी आगोश में ठहरो हमारे ,
नदी से बात जंगल कर रहा है ।।
किसी के शेर आधे रह गए हैं
कोई ग़ज़लें मुकम्मल कर रहा है ।।
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सारी दुनिया को उलझाकर रखते हैं,
अक्सर सुलझी तबी'अत वाले लोग-