राहें अनेक मिलते हैं
मंजिल एक ही रखना..
हालात चाहे मुश्किल हो
इरादे नेक ही रखना..-
क्या बता सकेगा कोई परिणाम कहां मिलता है!
जिंदगी कब से मेरा इम्तिहान लिए जा रही है ..-
मजबूरियों के दलदल में धंसता रहता है..
एक सपना है जो मुझ पर हंसता रहता है...-
नासमझ हैं वो जो बेदाग समझते हैं हमें
हर जख्म के निशान नहीं होते..-
ନୟନୁ ବହୁଛି ଅଶ୍ରୁ ର ଧାରା ଅବିରତ...
ଆସ ତୁମେ ଫେରି,
ତୁମ ପାଇଁ ମୁଁ ଅପେକ୍ଷାରତ....
ପ୍ରେମ ଟୋପାଏ ମାଗିଲି ତୁମକୁ,ଗଲ ଟାଣି ପ୍ରତାରଣା ର ଗାର..
ସ୍ବପ୍ନ ଗୋଟିଏ ମାଗିଲି ତୁମକୁ, ଦେଲ ଆଣି ସ୍ମୃତିର ସମ୍ଭାର..
ତଥାପି ତୁମ ପାଇଁ ମୁଁ ଅପେକ୍ଷାରତ....
ଫେରିଲା ବାଟକୁ ଚାହିଁ ମୁଁ ବସିଛି, ଅସୁମାରୀ ଆଶା ଧରି..
ଆଖି ରେ ମୋର ଉଠିଛି ପ୍ରଶ୍ନ, ତୁମେ କି ଆସିବ ଫେରି..
କାରଣ ତୁମ ପାଇଁ ମୁଁ ଅପେକ୍ଷାରତ....
ମନରେ ମୋହରି ଭରିଛି ବେଦନା, ଗଲ ତୁମେ କାହିଁ ଛାଡି..
ପ୍ରେମ ଥିଲା କିବା ତୁମ ପାଇଁ ବାଲିଘର, ନିଜ ହାତ ରେ ଦେଲ ଉଜାଡି..
କିନ୍ତୁ କାହିଁକି କେଜାଣି ତୁମ ପାଇଁ ମୁଁ ଅପେକ୍ଷାରତ....
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जन्नत की किसी परी की तरह
बैठी है वो पलके झुकाए,
मेरे तोहफे में दिया हुआ साड़ी पहनकर..
सुना है उसे लड़के वाले देखने आ रहे हैं ।
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नाज़ुक से दिल को दुखाया न करो..
बेवजह इसको सताया न करो..
मुफ्त में मिलते हैं दर्द यहाँ,
हमें दर्द की कीमत बताया न करो..-
कुछ इस तरह वो मेरी रूह से मिल रहा है..
जैसे चाय की खुशबू हवाओं में घुल रहा है..
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तुम जो बिछड़ो तो कुछ ऐसे बिछड़ना
के ये दिल फिर तुम्हें कभी याद न करे..
चाहे चली जाए जान मगर,
ख़ुदा से तुम्हारी कभी फ़रियाद न करे..
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एक कतरा इश्क़ का पीने के लिए
तबाह हो रहे हैं हम जीने के लिए..
मुहब्बत की जुल्म-ओ-सितम क्या कहें
ख़ुद खो गए औरों को पाने के लिए..
पहचान नहीं पा रहा कब से है मुझको
कोई चेहरा नया लाओ आईने के लिए..
टूट जाते हैं अक्सर मुंतजिर होते होते
एक ही दिल काफ़ी नहीं सीने के लिए..-