इंतज़ार ज़हर, नज़रंदाज़ तो कहर
इश्क को यू ही कातिल नहीं कहते..
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Dil ko, Nahi Pata hae,
Ki dil chaahta hae kya ....
मेरी चाहत का मुझे ही बड़ा नुक्सान हो गया
इक शक्स को मैंने इतना चाहा को वो मुझसे परेशान हो गया
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जब भी ठहरती है नज़र उसकी नज़र पर, मगरूर थोड़ा ज़्यादा हो जाते हैं ये सोच कर
कि
दिल को बहुत महफ़ूज़ थिकाना दे रखा है हमने.....-
कभी इस दर्द को define कर सकेंगे
कि फैसला उसका है इसलिए मंजूर किया
वरना उसके होते हुए भी उसका ना होना
कुछ ठीक नहीं लगा मुझे..-
अब नाम तुम्हारा ना लेंगे,
अंजानों में प्यार नाम तुमको देंगे
जानो मे, दोस्ती की हद रखूंगा
बस इतना ही करेंगे,
दिल में दर्द तो है पर इसको जाता न सकेन्गे ..-
मैंने सोच लिया है
बना दूंगी खुदको हवा
और तुमको अपनी दुआ
अब प्यार सा प्यार बताना नहीं, जताना नहीं..
मैं बिखर जाऊंगी जो तूने मुझे अब गर उस रुखसार से छू भी लिया,
जिसको पाने के इंतज़ार में मैंने ख़ुदको ख़ुद से अलविदा कर दिया..-
दोष तेरा कुछ भी नहीं
फिर भी मेरा चलना तुझसे, मेरा रुकना भी
और तुमको पता ही नहीं 🤣🤣🤣😷-