मुझे कैसे मिले क़रार..
उन्हें कैसे क़रार मिले....
ज़ब भी हम और वो मिले...
मिलके भी तो बेक़रार ही मिले....
किसी और का ना मिले...
उनको सिर्फ मेरा प्यार मिले...
फिर हर लम्हा उनका मेरा...
हर मौसम खुशगवार मिले....
-
वे प्यार की बाते, अब बेगानी लगती है,
तुम पर यकीन, मेरी नादानी लगती है।
वे अशआर जो लिखे थे, खत में तुमको,
वो सब तहरीरे, अब बचकानी लगती है।
चाहत में दीदार की, जिनसे गुजरते थे,
वे गलियां भी, हमको अंजानी लगती है।
गुजारा था जो भी वक्त, साथ में हमने,
वो हकीकत भी, एक कहानी लगती है।
आखिर मैं इतना, कैसे हो गया लाचार,
इश्क में शायद, यह कुरबानी लगती है।
ना सुकून है दिन को, ना रात को नींदे,
इश्क भी, सजा ए काला पानी लगती-
हर दिन की तरह ये दिन भी निकल जायेग
बस इतिहास के पन्नों पर वर्ष लिखा जायेगा
2024 वर्ष अब हमारी जिंदगी से चला जायेगा
छोड़कर कई यादे वो दफा ही तो हो जायेगा
किसी ने अपनो को जीवन सफर से खोया
किसी ने नये रिश्तो को अपने जीवन में बोया
वक़्त की घड़ी संसार में कभी रुकी कहां हैं
जीवन मृत्यु की कड़ी किसी से छुपी कहां हैं
फिर भी मन खुशियों से पल पल भरा हुआ हैं
जेब खाली पर सोच में वर्ष ख़्याबो से भरा हुआ हैं
हर दिन उमंगो की उम्मीद लेकर चल आता हैं
विचारों में सपना उमड़ उमड़ मस्ती भरे रस लाता हैं
यूही जिंदगी सब की मिलकर अच्छी चलते रहे
कभी किसी को दुख और परेशानी आकर परेशान ना करें
आने वाला नव वर्ष सब की झोली खुशियों से भरदे
मन के मतभेद को बीते वर्षो को ही समर्पित करदे
-
तेरी नज़रों में रहना चाहूॅं
तेरी दुआओं का हिस्सा बनूॅं
दम ब दम तेरे ख़यालों में खेलते
तेरी सुबह की पहली सोच
और रात का आख़री ख़याल बनूॅं
तो मानूं कि
दुनिया की सबसे दौलतमंद
मोहब्बत मैं ही तो हूॅं।
-
रोज़ आ जाते हो बिना इत्तेला दिए ख्वाबों में...
कोई देख लेगा, तो हम क्या जवाब देंगे......-
तुम ठंड से कांप कर लिपट जाओगे मुझसे
बस इसी ख्याल से दिसम्बर बहोत पसन्द है मुझे...-
दुल्हन के लिबास में सजी हू
देख तेरा पसंद का रंग भी पहना हुआ है।
मैंने उस लड़के का चेहरे तक नहीं देखा
जिसके साथ मुझे उम्र भर रहना है।
कि मोहब्बत के सफर में हम दोनों अलग ना हुए होते..
देखो मेरे दरवाजे पर बारात खड़ी
बहुत खुशी होती अगर तू बारात लेके आता..-