Being busy is better than being too busy in being busy...
-
चाँद की रौशनी में-
कुछ किस्से बुने,
कुछ लमहे चुने;
कुछ कलियाँ खिलीं,
कुछ खुशियाँ मिलीं;
कुछ ग़म पिघले,
कुछ रंज गले;
कुछ दिल की कही,
कुछ रही अनकही...-
हर दिन बीती घड़ी नई,
दोहराती है रात मगर
फिर बात वही पुरानी सी;
कहीं मुक्कमल, अधूरी कहीं-
लिखी कुछ यूँ है मानो
हर लफ्ज़ है एक कहानी सी;
ये जो इक चिट्ठी है ज़िंदगी,
कई बार पढ़ी तो है
फिर भी रही अनजानी सी...-
शब्दों में घुला मौन लिख जाता है
आहिस्ता से कानों में कहकर
भाव मेरे कुछ अकथित, अलक्षित-
मेरे हिय-सागर में उतरकर
कविता ये कौन लिख जाता है...-
क़तरा क़तरा पिघलता दिल
आँच तले उन यादों की,
कुछ अनकही, कुछ अनसुनी बातें-
तपिश में तनहा रातों की
पल-पल यूँ ही गलता दिल...-
It's perfectly okay to be not understood by anyone, even you don't understand anyone completely.
-
अक्सर पिरोया करता है
रातों को
इक धागे में कविता के;
वो तदबीरें, वो ताबीरें
वो दिल की सारी तहरीरें-
कुछ यूँ बोया करता है
रातों को
इक बाड़े में कविता के...-