एक ख़्वाब...— % &कल तुझे सोचते सोचते
यूं दिन से रात हो गई
असल में नहीं हुई तो
ख्वाबों में ही मुलाकात हो गई— % &जो सामने कहने में डरता हूं
वो ख्वाबों में बात हो गई
मैं अपनी सुनाता रहा
और तू सुन के मेरी बात खो गई— % &तूने भी हां कर दिया मुझको
ज़िन्दगी की शुरुआत हो गई
फिर ज़िन्दगी भर के लिए
तू बस मेरे साथ हो गई— % &यूं ही तंग कर रहा था तुझको
और तू परेशान हो के रो गई
पर आंसू कैसे देख सकता हूं तेरे
एक बात कही, फिर तू खुशहाल हो गई— % &तुझ संग ज़िन्दगी कितनी हसीन थी ख्वाबों में
जैसे इश्क़ की बरसात हो गई
सुबह नींद खुली और तेरा मैसेज आया
तुमसे फिर से बात हो गई— % &यूं तो सुहानी हर रात होती है
पर कल कुछ अलग सी बात हो गई
तुम ख्वाबों में क्या आयी थी
इतनी हसीन ये रात हो गई
— % &
-