गम ये कि
सब तबाह हो गया।
खुशी ये कि
शोर ज़रा भी ना हुआ।-
खुद इस क़दर बिखरने लगे हैं।
पता नहीं हम किसके संगे हैं।
अधुरे ख्वाब , बिछड़ते लोग
जिंदगी के रंग फीके रगे है।-
सुनो! एक ज़वाब दो!
मुझे जीने का एक ख्वाब दो।
दुनिया तो देती सिर्फ फैसला
तुम तो हमारे फासले का जवाब दों।
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याद आती है मेरी
या आज भी वही ख्याल है
मेरा तसव्वुर काम न आया
मिला कोई,? सवाल है-
शहादत इतनी भाग्य में लिखना मेरे
समर्पण को लिखुं हर वक्त नाम तेरे
जिंदगी का मुसाफिर हूं मैं भी
एक ही जान है वो भी लिखुं नाम तेरे-
बेचैन बादलों सा खो जाता हूं
तुम्हारे हसीन पलों के ख्वाब में।
ख़बर नहीं मुझे अब दिनों की
रहती हो जैसे बेपनाह सी गरबस्ताब में।-
गुमनाम हो जाती है कई शामें तेरी याद में,
वक्त भी खफा रखता है मुझे तेरी याद में,
दोस्तों की महफ़िल में तु हर बार आती है,
तुम आती लफ़्ज़ों में और मैं तेरी याद में,-
लिखुं कैसे कलम की अदा
सोचने की बला कम लगती है।
कुछ दोस्तों की क्या मिसाल दूं जिंदगी में
मिठाई से मिठी दोस्त की यादें लगती है।-
आपका होना भी कितना होना है।
उनका होना भी कितना ना होना है।
आपका स्नेह का भी क्या मोल करें
आप है तो हमारे लिए सब सोना ही सोना है।-