दुनिया में सब परेशान है
कोई सच मे,
कोई सच से ।
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जो कहना है साफ साफ मुँह पर कहो,
पीठ पीछे कह कर क्या ही हासिल ?
कहने से पहले सोच जरूर लेना,
क्या सचमुच तुम हो,
कुछ कहने के काबिल।-
मै सोचता रहा करवटे बदल बदल कर,
वो क्यों बदल गए मझे इतना बदल कर।-
क्या बनाने आये थे क्या बना बैठे
कही मन्दिर बना बैठे तो कही
मस्जिद बना बैठे
हमसे तो जात अच्छी है परिंदो की
कभी मन्दिर पर जा बैठे तो
कभी मस्जिद पर जा बैठे।
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जो ख़ामोशी न समझे उससे प्यार
क्या करना, और जो समझ ले
उससे इजहार क्या करना ।-
दुनिया में अगर छोड़ने
जैसा कुछ है तो
दुसरो से उमीद करना
छोड़ दो.....-
एक जीभ ही थी जिसमें आलस
न था....
पर जब से हाथ में मोबाइल आया
है वह भी चुपचाप बैठी है ।
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कभी कभी हाथ छुड़ाने की
जरूरत नही होती ,..
लोग साथ रह कर भी
बिछड़ जाते है..!!-
आईना आज फिर रिश्वत लेते पकड़ा गया
दिल मे था दर्द चेहरा हसता हुआ पकड़ा गया।-
तजुर्बा कहता है ,
मोहब्बत से किनारा कर लूँ,
और दिल कहता है,
कि ये तजुर्बा दोबारा कर लूँ।-