Santosh Kumar   (© संतोष कुमार@ जिंदगी गुलजार है)
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Joined 13 November 2017


Joined 13 November 2017
20 OCT 2019 AT 21:50

अल्फाज तो ज़माने के लिए हैं,
तुम आना,तुम्हे धडकने सुनानी हैं !

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8 OCT 2019 AT 12:10

कल्यूग के रावन चले ,
सतयूग के रावन को जलने देखने !



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27 JUN 2019 AT 11:17

मेरी ख्वाहिश भी तुम और मेरी तमन्ना भी तुम,
मेरा ख्वाब भी तुम और मेरा सपना भी तुम!

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6 APR 2019 AT 11:32

कोई नहीं है फिर भी,आवाज आ रही है ,
शायद मेरी मोहब्बत मुझको बुला रही है,
मै नज़्म लिख रहा हूं, वो मुझको सुना रही है
शायद मेरी मोहब्बत मुझको बुला रही है!

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28 MAR 2019 AT 13:16

बहुत दिनों बाद वह सुकून का पल आया है,
जब मैंने कलम और कागज फिर उठाया है!

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27 MAR 2019 AT 11:56

उन्होंने कहा हमसे कि इश्क है तुमसे
कि चाहे आजमा के देख लो, वफा करेंगे तुमसे
हमने कहा अमा जनाब, गजब मजाक करते हो
कहां टूटे कांच के टुकड़ों में, तुम जाम भरते हो!

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27 MAR 2019 AT 11:40

नजरें झुकी पलकें उठी
यह दुपट्टा अटका था किसी जज्बात से
मैं मुड़ा झटकने वह चेहरा दिखा
कोई लौट आया है पुरानी याद से,
शोर भरी महफिल में
आ जकड़ा मुझे खामोशी ने,
तू मौजूद वहां इत्तेफाक था ये
या तू दिखा मुझे मदहोशी मे!

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21 MAR 2019 AT 10:23

आओ तुम्हें देश भक्ति के रंग में रंग दूं!

सभी मित्र गणों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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6 MAR 2019 AT 23:27

अत्यधिक उम्मीदों का नतीजा ,
नाराज हूं अपने आप से!

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9 FEB 2019 AT 20:49


अगर तुम्हारा गुरूर ही तुम्हें तोड़ जाए
तो मत पूछो कैसा लगता है,
मंजिल का रास्ता ही मुंह मोड़ जाए
तो मत पूछो कैसा लगता है
अरे जिसके लिए तैयार है, छोड़ने को पूरी दुनिया
जब वह खुद ही तुम्हें ही छोड़ जाए
तो मत पूछो कैसा लगता है!

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