अल्फाज तो ज़माने के लिए हैं,
तुम आना,तुम्हे धडकने सुनानी हैं !-
मेरी ख्वाहिश भी तुम और मेरी तमन्ना भी तुम,
मेरा ख्वाब भी तुम और मेरा सपना भी तुम!-
कोई नहीं है फिर भी,आवाज आ रही है ,
शायद मेरी मोहब्बत मुझको बुला रही है,
मै नज़्म लिख रहा हूं, वो मुझको सुना रही है
शायद मेरी मोहब्बत मुझको बुला रही है!-
बहुत दिनों बाद वह सुकून का पल आया है,
जब मैंने कलम और कागज फिर उठाया है!-
उन्होंने कहा हमसे कि इश्क है तुमसे
कि चाहे आजमा के देख लो, वफा करेंगे तुमसे
हमने कहा अमा जनाब, गजब मजाक करते हो
कहां टूटे कांच के टुकड़ों में, तुम जाम भरते हो!
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नजरें झुकी पलकें उठी
यह दुपट्टा अटका था किसी जज्बात से
मैं मुड़ा झटकने वह चेहरा दिखा
कोई लौट आया है पुरानी याद से,
शोर भरी महफिल में
आ जकड़ा मुझे खामोशी ने,
तू मौजूद वहां इत्तेफाक था ये
या तू दिखा मुझे मदहोशी मे!
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आओ तुम्हें देश भक्ति के रंग में रंग दूं!
सभी मित्र गणों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं-
अगर तुम्हारा गुरूर ही तुम्हें तोड़ जाए
तो मत पूछो कैसा लगता है,
मंजिल का रास्ता ही मुंह मोड़ जाए
तो मत पूछो कैसा लगता है
अरे जिसके लिए तैयार है, छोड़ने को पूरी दुनिया
जब वह खुद ही तुम्हें ही छोड़ जाए
तो मत पूछो कैसा लगता है!
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