सोचा नहीं था जिंदगी में रिश्ते कुछ इस कदर बदल जाते हैं,
मैं बेजुबान नही था पहले,
पर अब खामोशियों से कुछ लगाव सा हो चुका है,
डरता हुं कुछ कहने से तुझसे, तु और ही ना समझ ले,
रिश्तों की गहराईयों को तु ना समझ पाएगी, क्योंकि तू बस अपनापन और अपने प्यार में ही खोई रहेगी,
तुजसे बस मुझसे ही वास्ता,
मुझे तेरे सिवा हर अपनों का वास्ता...
तुही बता मैं कैसे बताऊं इस दास्तां ..???
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