समझा न कोई दिल की बात को,
दर्द दुनियां ने बिन सोचे ही दे दिया,
जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से
तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया।-
तू बेटी है तो रहमत है,
तू बहना है तो शफ़्क़त है,
तू बीवी है तो चाहत है,
तू माँ है तो फिर जन्नत है।
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बड़े अनमोल हे ये खून के रिश्ते
इनको तू बेकार न कर,
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई
घर के आँगन में दीवार ना कर।-
मेरी शायरी का असर उनपे हो भी तो कैसे हो ?
कि मैं एहसास लिखता हूँ तो वो अल्फाज़ पढ़ते हैं।-
A friend is one that knows you as you are, understands where you have been, accepts what you have become, and still, gently allows you to grow.
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पहले ज़मीं बँटी फिर घर भी बँट गया,
इंसान अपने आप में कितना सिमट गया।-
दिन बीत जाते है सुहानी यादें बनकर,
बाते रह जाती है कहानी बनकर,
पर दोस्त तो हमेशा दिल के करीब रहते है,
कभी मुस्कान तो कभी,
आँखों का पानी बनकर।-
आसमान पे फिर से काली घटा छाई है,
आज फिर घरवाली ने दो बात सुनाई है,
दिल तो बहुत करता है कि सुधर जाऊँ, मगर,
कमबख़्त बाजूवाली आज फिर से भीग कर आई है।-
वर्षा के स्वागत में तोते
उड़ते नभ में खुश होते,
सारस ऊंची टेर लगाते
दूर -दूर तक उड़ते जाते।
कुहू-कुहू कर रहे पपीहे
नव साहस भर रहे पपीहे,
रही न पीछे कहीं टिटहरी
सखी बनी वर्षा की गहरी।
बता रहे बच्चे बकरी के
उछल-कूद के नए तरीके,
बादल बरसे लगा ठहाके
आसमान में बगुले झांकें।
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रिश्तो के बाजार में रिश्तो को कुछ
इस तरह सजाया जाता है,
ऊपर से तो बहुत अच्छा दिखाया जाता है,
पर अंदर न जाने क्या क्या मिलाया जाता है।-