Sannidhi Mallik  
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Joined 20 May 2018


Joined 20 May 2018
1 FEB 2022 AT 6:23

पापन्नी जायते व्याधि, ज़रा, मृत्यु ****
पाप से, पाप के कारण बीमारियां, पाप से बुढ़ापा और पाप से ही मृत्यु होती है***— % &

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30 JAN 2022 AT 18:24

सिर्फ अध्ययन से कार्य संपन्न नहीं होता बल्कि अनुसंधान क्रियान्वित करने पर ही (ध्रीत:) सम्पूर्ण होता है। परमात्मा चैतन्य स्वरूप एवं सर्वव्यापि श्री कृष्ण ही हैं (श्री विष्णु सहस्र में एक***)— % &

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30 JAN 2022 AT 15:21

धर्म, अर्थ, काम और अंतिम मोक्ष जिसे इस पृथ्वी में ही कर्मकांड धर्मार्थ मनुष्य के मरणोपरांत दूसरे मनुष्य द्वारा पद्धति पूर्वक सहूलियत के अनुसार घर, उस तरह के कर्म जहां होते है वहां शास्त्रविधि से कई पंडित निर्वाह करते है। उनमें, काशी (बनारस),गया, हरिद्वार, राजमंड्री आदि पुण्यस्थलों में विशिष्ट हैं। उन दिनों उन मंत्रों का उच्चारण में विशेष महत्व होता है पूर्वज भी आह्वानित किया जाता है। यह सभी इस संसार के नियम माने जाते हैं। यथा शक्ति करते देखा जाता है। मल्लिक*— % &

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30 JAN 2022 AT 12:59

सच और अच्छाई को कोई नहीं छुपाता! गलतियों और झूठ को दिल के झरोखों से झांकने भी नहीं देते!! कोई साधक ही होगा......"M"**— % &

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30 JAN 2022 AT 12:46

किसी के व्यहार, कार्य पर संकोच न हो, किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उस अवस्था, परिस्थितियां और उस व्यक्ति से परामर्श एवं जड़ तक पहुंच कर ही निर्णय लेकर निष्पक्ष कार्य संपन्न होने पर किसी की गलत धारणा नहीं रह जाती।— % &

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30 JAN 2022 AT 10:34

परेशानियां, दुःख कहने से नहीं भोगने से ही दूर होते है, कम होते हैं। यह कुछ सीमा तक मैं सच ही मानता हुं। हुं, किसी को कहने की अपेक्षा, मन को, दिल को, अपना ईश्वर को, से कहने में जो तसल्ली मिलती है वह औरों को अपनों से कहने में भी नहीं, बल्कि ये कहें, इतना वक्त इनलोगों के पास नहीं होता औरों की बात, दुःख सुनने या समझने की। — % &

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30 JAN 2022 AT 10:14


..... The moto is happiness......
**खुशियां बाहर से औरों से ही ढूंढते हैं न !
"*जब कोई हमें p r o u d फील करवाता है, शबासी देता है और एक " l i k e" एवं मैसेज देकर खुश कर देता है***
हम सभी एक दूसरे को खुश ही तो देखना चाहते हैं*** — % &

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30 JAN 2022 AT 9:27

Things, not yet happened but, we generally, having a thought that probably it may happen*** or what had already happened !अक्सर हम उन्हीं बातों के बारे में सोचते हैं "*जो बीत गए हों! या फिर,अभी कुछ घटा ही न हो"* this what we missed many a Things for present happiness or happinings** और खो देते हैं इन लम्हों को जो बहुत काम की होती हैं!
**यही भुल रहा था, कहने की**— % &

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29 JAN 2022 AT 22:04

यदि जीवन में कुछ बातों को हम नहीं सीखते, तो बार बार वही सामने आ जाती है जब तक हम न सीखे... — % &

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29 JAN 2022 AT 11:46

स्वयं का हर कार्य अच्छा है, बढ़िया है बहुत सुंदर है* that's the way actually, " "अहम ब्रह्मा", श्री कृष्ण said, I'm with you, in all creatures****
Everyone are always happy on their own Acts.... They're the Owner's of their own Acts**, mistakingly, even for right wrong, bad good whatever*"""...... मल्लिक अर्जुन**— % &

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