Sanket Shukla  
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Joined 1 January 2018


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Joined 1 January 2018
14 JUL 2019 AT 17:24

कोई हमें बदनाम करे ये कोई बड़ा इल्ज़ाम नहीं,
लोग जाने अनजाने न जाने क्या क्या कहते हैं।

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13 JUL 2019 AT 11:07

सोच सकता हूँ जन्नत का ख़याल मैं भी
लेकिन,
वो ख़याल महज़ ख़याल ही तो है...!

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28 JUN 2019 AT 10:24

तूफानों का दौर है ये साहब,मगर ;
पेड़ों की जड़ें फड़फड़ाया नहीं करतीं !

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9 MAR 2019 AT 9:14

सब चाहते हैं जो वो मुझसे नहीं होगा,
समझौता कोई तुम्हारे बदले नहीं होगा।

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7 MAR 2019 AT 14:35

कोई समझे तो ये बात समझा देना ,
ख़ुदा की पनाह में जाना कोई गुनाह नहीं।

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22 FEB 2019 AT 19:48

मुद्दतों बाद ख़्वाब में तुझे सोचा मैंने,
सोचकर सोचा हाय क्या सोचा मैंने।

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20 FEB 2019 AT 15:24

महँगे तोहफ़े,सस्ते लोग ,
कौड़ियों के भाव बिकते लोग।

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16 FEB 2019 AT 14:24

वो ख़ाकसार होकर भी करते हैं दो जहाँ रौशन ,
वतन पे जाँ लुटाने वाले यूँ ही मरा नहीं करते।

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7 FEB 2019 AT 13:21

वो जिनसे महकता है मेरा जहां सारा,
उन्हें तोहफ़े में गुलाब क्या देना।

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6 FEB 2019 AT 14:09

मैंने खोली ही थी खिड़की कमरे की,
दीवारों का दिल धड़क कर बोला...
"रौशनी ज़रा कम आती है।"

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