चाय की तरह हो तुम
आँख खुलते ही तुम्हारी याद आ जाती हे-
क्यूँ हम पे ये शक है,
कि वफ़ादार नहीं हैं ,
हम अहले मोहब्बत हैं,
अदाकर नहीं हैं..!!
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ઝાપટુ આવ્યુ અચાનક યાદનુ,
ઠેઠ અંદર સુધી પલળી ગયો હું.
વાદળની બુંદોએ તો માટીને મહેકતી કરી દીધી,
પણ દિલની યાદોએ તો પાં૫ણોને વહેતી કરી દીધી.
પુછશે ઘરે કે કેમ પલળ્યા હતા?
કહીશુ, રસ્તામાં ભાઇબંધ મળ્યાં હતા.-
तमाशा यहाँ सिर्फ इश्क़
ही नही करता!
कम्बख्त जिस्म ने भी दी हैं,
रुस्वाइयाँ बहुत!-
सनम की खातिर हार जानी पड़ती है जान भी,
फकत पायल पहराने से मोहबत पूरी नहीं होती-
मौसम-ऐ-आशमा सुहाना हे
आज चाँद भी निराला है
चाँद की चाँदनी में
ये रात भी रूहानी हे-
दिल बहुत कीमती है
कोशिश करे की इसमें
वो ही रहे जो इसमें
रहने के क़ाबिल हो।-
हिसाब-किताब हम से
ना पूछ ऐ-जिन्दगी .......
तुने सितम नही गिने,
तो हमने भी ज़ख्म नही गिने...!!-