कदर और अफ़सोस दोनों वक्त बिताने के बाद ही आते हैं।।
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तू अगर रूठ भी जाए मुझसे ,
तो तुम्हें मनाना मेरी जिम्मेदारी है न कि अहंकार।।
Even if you get angry with me, pacifying you is my responsibility and not my ego.-
तो साथ चलने वालों को चुनना सीखिए,
रास्ते लंबे भले हो पर सही संगत मंज़िल तक पहुँचा ही देती है।
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सवाल:- गुस्सा क्या है..??
जवाब:- दुसरो की गलती की सजा खुद को देना ही गुस्सा है।।-
नौटंकी नहीं वो नौटंकी की दुकान है..,
वो कोई और नहीं मेंरी एकलौती जान है।।
😘❤️🫣🙃🙂-
इस अंधियारे में न जाने कहां से ये मुसीबतों की घटाए छाई है।
अपनी चांदनी की एक झलक से हमें हमारी मंजिल तक पहुंचने की राह तो दिखा।।-
सुबह को सुरज,
और शाम में चांद कह लेना..।
जब जरूरत हो सुगंध की तब इत्र,
और जब तुम्हें किसी की याद
सताए तब मुझे मित्र कह लेना।-
मशला ये है की,
एक गुलाब को गुलाब कैसे
पेश किया जाए??
तो जवाब ये है की,
उन्हें गुलाब की तरह
मुस्कान पेश की जाए।
जैसा साथ गुलाब और सुगंध का है,
वैसा ही साथ पेश की जाए।।
कांटों के बिच रह कर भी बेखौफ
और सुनहरा एहसास पेश की जाए ।।।
अपने सुगंध से सबका मन प्रफुल्लित
करने जैसा स्वभाव पेश की जाए।।।।
सुनो बाबू और सोना, कुछ इस तरह
गुलाब को गुलाब पेश की जाए।।-
तोड़ कर जोड़ लो हर चीज़ इतना आसान थोड़ी है,
हर दर्द दवाई से ठीक हो जाए जुकाम थोड़ी है।।
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