यूँ शोर से आकर खामोशी से जाना,
उन वादों को हर दफा दोहराना।
किसी के खातिर होना, किसी से दूर जाना,
क्या गज़ब क्या कमाल हो तुम?
मेरे लिए इक गुज़रता साल हो तुम!
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Sanjeev S. Parihar
(©Sanjeevism)
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For me writing is just a journey pain and gain are just milestones . Everything is general... read more
Joined 7 April 2018
31 DEC 2022 AT 14:32
30 JUN 2021 AT 14:51
हम तो फ़क़त ओटीपी बन के आते रहे।
कोई फेस-अनलॉक करके चला गया।
वो जो फ़ेवरिट लिस्ट में थे हमारे,
वो ही ब्लॉक करके चला गया।-
21 JUN 2021 AT 12:27
इतने सलीके से छलावा हुआ मेरे शहर में।
दिखाकर चराग़ लगाई आग मेरे शहर में।
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19 JUN 2021 AT 20:48
शर्त पे हो प्यार , वो प्यार क्या?
मांगे से मिले वो इकरार क्या?
रूह से रूह का मिलन ही तो इश्क है।
जिस्म पे भला जबरन अधिकार क्या।
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