"बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी हैहर शाख पे उल्लू बैठा हैं अंजाम-ऐ-गुलिस्तां क्या होगा" -
"बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी हैहर शाख पे उल्लू बैठा हैं अंजाम-ऐ-गुलिस्तां क्या होगा"
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