यह जो कलेक्टर, तहसीलदार, डॉक्टर, इंजीनियर है
किसी जंगल की तरह बड़े इनके "ओहदे" है
चुकी मै एक शिक्षक हु, तो ये सब
किसी स्कूल कॉलेज रूपी बगीचे में, मेरे सींचे हुए पौधे है।-
किस्मत ने बना दिया शायर
हमने जब भी आंखे देखी ,आंखों में सच्चाई देखी है
हमारी बराबरी न कर पाओगे ,हमने दुश्मन में भी अच्छाई देखी है।-
और भी तरीके हो सकते थे जिंदगी जीने के जमाने में
अफसोस उम्र गुजारी जा रही है , बस कमाने में।-
समस्त विश्व एक परिवार है, वासुदेव कुटुंबकम् का नारा है हमारा
दुनिया तरक्की के लिए कई रास्ते अपना रही है, सच्चाई और अच्छाई का रास्ता है हमारा
हमने दुनिया को प्यार बांटा है, इसलिए देश प्यारा है हमारा
हम गर्व से कहते है, सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा।-
शायरी करना फुर्सत का काम है
और अभी हम बहुत व्यस्त है
और कौन खुश रहने के बहाने ढूंढे
हम अपने काम में मस्त है।-
ना लक्ष्य न लालच, ना शौक न सपने, ना महत्वाकांक्षा ना मंजिल
देखा जाए तो मुझमें एब ,कुछ कम भी नहीं
फिर भी जिंदगी से जो किरदार मिला, बड़ी शिद्दत से निभाता हु
मेरी सिर्फ यह एक खूबी , कुछ कम भी नहीं।-
प्रेम तो वह है जो , पत्ते को पेड़ से अलग करने से पहले सहम जाता है
भौंरे को फूल से अलग करने से पहले थम जाता है
यह कैसा प्रेम है जिसमें लोग इंसानियत छोड़ देते है
किसी के खूबसूरत जीवन को मौत की तरफ मोड देते है
यह जिद, हवस ,बेवकूफी ,धोखा ,क्रूरता, बेवफाई है, इन बुराइयों के बीच प्रेम खड़ा कैसे हो सकता है
इन सरफिरे झूठे आशिकों के लिए एक शख्स, इंसानियत से बड़ा कैसे हो सकता है।-
अब इसे जिंदगी की कहानी कहे
या ईश्वर की मेहरबानी
घमंड और गुरूर करते भी तो किस बात पर
उलझने हमेशा सताती रही, बनी ही रही कोई न कोई परेशानी।-
अपने कूटनीतिक प्रयासों से पाकिस्तान का नाम बदलकर आतंकिस्तान लिख देना
बात अगर आगे बढ़ ही गई है तो POK की जमीन पर हिंदुस्तान लिख देना
मौका मिला था इंदिरा जी को तो पाकिस्तान के माथे पर बांग्लादेश लिख दिया
आज फिर मौका है मोदीजी, इसके सीने पर बलूचिस्तान लिख देना।-
हे यदुवंशिय कृष्ण तुमने अच्छाई के बदले कैसा अभिशाप ले लिया
धर्म स्थापना के बदले तेरे अपने आपस में लड़ मर मिटेंगे ऐसा श्राप ले लिया।-