जिस रात नींद नहीं आती है न
फिर तन्हाई में सिर्फ़ एक तेरा ही ख़्याल होता हैं
बीतें हुए लम्हों का ना जाने मन में कितने सवाल होता हैं
अगर कभी तुम्हें सोचने का वक़्त मिलें तो सोचना
कि तुम सुकून से कैसे सोती हो और मेरा ऐसा हाल क्यूँ होता हैं-
We went to near the waterfall & we did share our feelings . Do you remember ?
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बीते हुए लम्हों को
कोई कैसे भूल पाएगा
मेरी उन लम्हों में आप थी, आप हो और रहोगी !
आपने मुझे लिखना सिखाया
आपने मुझे प्यार की परिभाषा बताया
उम्र में तो छोटी थी लेकिन तजुर्बा तो आपसे ही पाया
काश कि मैं उन लम्हों में एक फिर वापस लौट पाता
फिर आपको छोड़कर कभी नहीं जाता
——- मेरे मन की कसक ———
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मैं पत्थर था , पत्थर ही रहा
ना जाने कितनी छीनी हथौड़ो की चोंटे लगी मुझ पर
लेकिन मैं सहन करता रहा ………………….।
सोचा अगर इन चोंटो से मैं बिखर गया
तो उन मिट्टियों का क्या होगा
जो मेरे नीचे सुरक्षित महसूस कर रहें हैं
इसलिए चोट सहता रहा
मैं पत्थर था और पत्थर ही रहा-
ताउम्र सिर्फ़ एक ही ख़्वाब देखता रहा …..
ज़िंदगी में तेरा साथ पाने का और सिर्फ़ देखता ही रह गया ,
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Do you remember?
Once you gave me
A glass of juice .
Because you didn’t like the taste of it.
And I drank it all.
Do you know why ?
Because that drinking straw touched your lips.-
I fulfilled her every wish but
she didn’t complete even a single wish of mine .
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आज रात फिर मेरे दिल और दिमाग़ की वार्तालाप
ने मेरी नींद छीन ली और वार्तालाप की विषय “आप” थी-