सुना जाता है कि पहले ज़माने में नौजवान , मुल्क जीतने,लंबी और कठिन यात्राएं करने,खानदान का नाम ऊँचा करने के ख्वाब देखा करते थे । अब वे केवल नौकरी का ख्वाब देखते हैं । नौकरी ही हमारे युग का सबसे बड़ा एडवेंचर है ! आज के फाहियान और इब्नबतूता, वास्कोडिगामा और स्काट, नौकरी की खोज में लगे रहते हैं । आज के ईसा, मोहम्मद और राम की पहली मंजिल नौकरी है ।
नौकरी !तीन अक्षर और दो मात्राओं का यह शब्द आज के ख्वाबो की कसौटी है । जो इस कसौटी पर खरा उतरे वही खरा है...
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