sanjay jain   (Sanjay jain ( Sanju))
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Joined 9 June 2020


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Joined 9 June 2020
9 MINUTES AGO

कुछ संबंधों का कोई भविष्य नहीं होता ,ये मात्र स्मृतियों के रूप में साथ रहने के लिए ही जीवन में आते हैं।

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13 HOURS AGO

वह मेरा अपना है,
जिसका सृजक मैं हूँ,
वही मेरा सपना है।
हर साँस में बसी जो,
मेरी वो कहानी है,
जो मैंने रची खुद, वो
मेरी निशानी है।

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13 HOURS AGO

दुनिया रंग-बिरंगी, जीवन का मेला,
खुशी-गम का संगम, चलता ये खेला।
हर पल नया सबक, सपनों का पीछा,
इंसानियत से बंधा, ये अनमोल रिश्ता।

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18 HOURS AGO

"Knowing your worth empowers you to set boundaries, make choices aligned with your values, and attract people and opportunities that respect you. You stop settling for less, build confidence, and prioritize your well-being, fostering healthier relationships and a stronger sense of self."

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18 HOURS AGO


सपनों का आँगन सजाना है,
हाथों में हाथ लेकर चलना,
जहाँ सूरज भी मुस्कुराना है।
दिल की बातें सुनाऊँगा,
चाँदनी रात में गाऊँगा,
तेरे लिए एक गीत लाऊँगा।
ज़िंदगी में रंग भर दूँगा,
दुखों को हंसी में बदल दूँगा,
तेरे साथ हर पल जी लूँगा।

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19 HOURS AGO

**प्रकृति का प्रतिशोध**

विकास के नाम पर, इंसान ने छेड़ा जंगल,
पेड़ काटे, वनस्पतियाँ उजाड़ी, बस्तियाँ बनाई मंगल।
जानवर बेघर, चीत्कारें गूँजी, आकाश रोया,
प्रकृति की गोद में, बस लालच ने संताप बोया।

कंक्रीट के जंगल उभरे, धरती का सीना चीरा,
नदियाँ सिसकीं, पहाड़ थरथराए, जीवन का आधार धीरा।
फिर प्रकृति ने आँखें खोलीं, लिया प्रतिशोध का रूप,
बाढ़, भूस्खलन, दावानल बने, उसका क्रोधित स्वरूप।

बाढ़ ने बस्तियाँ डुबोईं, लहरों ने सबक सिखाया,
भूस्खलन ने चेताया, पर्वत का दर्द सुनाया।
दावानल ने लपटें बिखेरीं, राख में सपने जलाए,
इंसान की लिप्सा पर, प्रकृति ने प्रश्न उठाए।
अब भी वक्त है, ऐ इंसान, सुन ले धरती की पुकार,
विकास नहीं, संतुलन चाहिए, प्रकृति का रख सम्मान अपार।
रोप दे पेड़, बचा ले जीवन, हरियाली को गले लगाओ,
वरना प्रकृति का यह क्रोध, सदा तुझे सताएगा, डराएगा।

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4 AUG AT 19:54

एक तीव्र भावना है जो नाराजगी या निराशा से उत्पन्न होती है।

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2 AUG AT 17:46


न तूफानों से डरती है,
न रात के साये से सहमती,
बस हर सुबह,
मेरे दरवाजे पर,
एक नई कहानी लिखती है।

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1 AUG AT 16:45

अपने प्यार को,
सच्चाई की कसौटी
पर लाती है दिल
के यार को।
हर इम्तिहान में साथ
निभाए जो वफ़ा,
वही है सच्चा प्यार,
जो बने ज़िंदगी का
सफ़र का रास्ता।

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31 JUL AT 21:19

ना जरूरत हो...

ना जरिया हो तुम...

जिसे देखकर दुनिया

खूबसूरत लगे...

वो नजरिया हो तुम.!!

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