चाहा भी तो जिसे,
जिसे पाना किस्मत मैं नही..।
तेरी यादों को संजोये रखूगी,
क्युंँ कि तुझे भूल जाना,
मेरे लिए मुमकिन नही...-
अफसोस हुआ तुझे,
लेकिन अब देर हो गयी...
बात बनने से पहले ही,
डोर हात से छूट गयी...-
Wada karke mukar janaa,
Yeh to teri fitrat thi...
Unn waadon ke bharose,
Teri raah takhna..
zindagi ki sbse badi bhul thi....-
बेशक जमाना बदल गया है...
पर मेरा वक्त तो आज भी,
वही ठेहरा हुआ है...-
मसरूफ हो गये वो,
अपनी जिंदगी मैं...
क्या करे,
हम दीवाने है मोहोब्बत के,
जो रोते रहते है उनकी याद मैं...
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कहना तुमसे...!
पर तुझे खोने से डरते है...!
क्या सोचेगा ये सुनकर इसलिए,
बात को दिल मैं दबाये बैठे है...!-
सब्र का मेरे इम्तिहान जारी है...
जिंदगी की अनसुलझी पहेलियों को,
सुलझाना अभी बाकी है...
दुसरों को जवाब देना सही नही है...
खुद को सवाल करके आगे बढना ही,
जीने का असली मकसद है...-
चेहरे से खूश दिखाई देता था...
पर आँखो मैं उसके गम नजर आता था...
जिंदगी से उसे शिकायत बहोत थी...
इसिलिए मौत ही उसके सबसे करीब थी...
कहने की कोशीश की उसने,
पर क्या हमने उसे समझने कोशीश की...
बहोत दूर जा चुका है वो अब,
बस इतना कह कर के,
हम सब उसके लायक ही नही है...
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चाँद मैं तुम्हारी सूरत क्या नजर आयी...!
रात उसे देखने मैं ही गुजर गयी...!-
मैं खूश हूँ,कोई मेरीे...
बात तो करता हैं...!!!
दर्द मैं ही सही...
मुझे याद तो करता हैं...!!!
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