Sanidhya singh Rajput   (कुँ सानिध्य सिंह उमठ)
1.5k Followers · 3.0k Following

#खाली लेखक

कोई चाँद रख मेरी शाम पर,
तुम कौन पिया,
Joined 29 December 2018


#खाली लेखक

कोई चाँद रख मेरी शाम पर,
तुम कौन पिया,
Joined 29 December 2018
4 JUN AT 19:54

तुम क्यों रूठें हो मैंने क्या बिगाड़ा है,
ऐसा क्या है मेरे पास जिसपे हक़ तुम्हारा है,
अब तो मैं शायरिया भी नहीं लिखता, बाते भी नहीं करता चुप रहता हूँ अपना काम करता हूँ समझदार होगया हूँ
फिर यें लहलहाट क्यों यें बैचेनी क्यों
मैं तो कातिल नहीं, मुझे कुछ हासिल नहीं
यें ख़ामोशी मे गम नहीं अपना कोई सनम नहीं
अपना कमरा अपना काम अपनी किताबें
सब कुछ अपना है मेरा मख़फ़ी" होरहा हूँ मख़फ़ी मेरी बाते ,
फिर क्या खो जाने की घबराहट है
क्यों सिरफिरी यें नई चाहत है
क्या हो कौन हो तुम जो भी दूर रहो,
मैं अपस रहना चाहता हूँ
सुनो मेरी गुज़ारिश तुम खुद ही मशहूर रहो

-


26 FEB 2024 AT 21:59

उम्र दराज होरहे है मेरे किस्से,
मैं इस वक़्त मे खुद को बड़ा महसूस कररहा हूँ

-


12 FEB 2024 AT 21:58

मैं तो उसी रास्ते पे तेरे इंतज़ार मे हूँ,
जहाँ से तू एक बार गुजर कर फिर कभी नहीं लौटा.. 💫

-


12 FEB 2024 AT 21:55

तू सुन सकता अगर तो सुन पाता,
कितना कुछ कह दिया मैंने तेरे साथ चुप बैठकर❤️

-


12 FEB 2024 AT 21:45

सहम जाने वाली हर बात पे मुस्कुराने की कोशिश की है,
मैं जानता हूँ मैं क़िस हाल से खुद को गुजार रहा.. ❤️

-


12 FEB 2024 AT 19:16

फिर हुआ यूँ कि हम चल दिये अपने रास्ते,
उसने भी अपना पता बदल लिया ❤️

-


20 JAN 2024 AT 23:09

मित्रता का अभाव व्यक्ति को बना देता है अकेला,
जीवन के संघर्ष पथ पर,
व्याकुल हृदय को चाहिए एक समझने वाला मित्र
जो जान सके "सब अच्छा है " के पीछे का दुःख...

-


20 JAN 2024 AT 23:01

विचलित मन मे चलते संघर्ष
टूटते हुए हौसले
भरे नयन, उबरता क्रोध
ईश्वर का मंदिर फिर असीम शांति ❤️

-


28 NOV 2023 AT 14:33

मैं वो खोने की कगार पे खड़ा हूँ,
जिसे पाने के लिये लोगों की उम्र निकल जाती है...

-


12 NOV 2023 AT 14:26

मिट रहे तिन तिन बस हुए खाक नहीं,
लड़का होना कुछ यूँ मन भर आता है आँख नहीं...

-


Fetching Sanidhya singh Rajput Quotes