Sanidhya singh Rajput   (कुँ सानिध्य सिंह उमठ)
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#खाली लेखक

कोई चाँद रख मेरी शाम पर,
तुम कौन पिया,
Joined 29 December 2018


#खाली लेखक

कोई चाँद रख मेरी शाम पर,
तुम कौन पिया,
Joined 29 December 2018
26 FEB AT 21:59

उम्र दराज होरहे है मेरे किस्से,
मैं इस वक़्त मे खुद को बड़ा महसूस कररहा हूँ

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12 FEB AT 21:58

मैं तो उसी रास्ते पे तेरे इंतज़ार मे हूँ,
जहाँ से तू एक बार गुजर कर फिर कभी नहीं लौटा.. 💫

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12 FEB AT 21:55

तू सुन सकता अगर तो सुन पाता,
कितना कुछ कह दिया मैंने तेरे साथ चुप बैठकर❤️

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12 FEB AT 21:45

सहम जाने वाली हर बात पे मुस्कुराने की कोशिश की है,
मैं जानता हूँ मैं क़िस हाल से खुद को गुजार रहा.. ❤️

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12 FEB AT 19:16

फिर हुआ यूँ कि हम चल दिये अपने रास्ते,
उसने भी अपना पता बदल लिया ❤️

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20 JAN AT 23:09

मित्रता का अभाव व्यक्ति को बना देता है अकेला,
जीवन के संघर्ष पथ पर,
व्याकुल हृदय को चाहिए एक समझने वाला मित्र
जो जान सके "सब अच्छा है " के पीछे का दुःख...

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20 JAN AT 23:01

विचलित मन मे चलते संघर्ष
टूटते हुए हौसले
भरे नयन, उबरता क्रोध
ईश्वर का मंदिर फिर असीम शांति ❤️

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28 NOV 2023 AT 14:33

मैं वो खोने की कगार पे खड़ा हूँ,
जिसे पाने के लिये लोगों की उम्र निकल जाती है...

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12 NOV 2023 AT 14:26

मिट रहे तिन तिन बस हुए खाक नहीं,
लड़का होना कुछ यूँ मन भर आता है आँख नहीं...

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8 NOV 2023 AT 0:24

तुम्हें भूलना होगा एक शक़्स केवल,
मेरी जद्दोजहद तो मुझे ही याद रखने की है... 🖤

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