भरी बरसात में है आग लगाई जिसने
ठहरे हुए पानी में कश्ती भी डुबाई उसने-
Sangita Rai
488 Followers · 31 Following
Joined 3 December 2018
3 APR 2024 AT 0:25
मैं भी बैठी हूँ अभी वक्त की ताकीद पर
वक्त ठहरा है मेरी अलसाई पलकों पर-
1 APR 2024 AT 1:12
शख़्सियत उसकी मुझे आज भी याद आती है
उसके होने से ही सब था अब वीरानी है बस-
21 NOV 2023 AT 16:33
Flowers tell us a delicate story
That you don't have to
Live forever to create
An impact on others-
14 OCT 2023 AT 14:40
हवाएँ सरहदें पार करतीं हैं बेलौस
परिंदे सरहदें पार करते हैं बेखोफ़
नदियाँ बहती हैं अविरल अबाधित
बादल घुम्मकड़ी करते हैं
सीमाओं के इधर भी उधर भी
तितलियाँ रंग बिखेर आतीं हैं
बाघा बाॅडर के कंटीले तारों के
मध्य से करीने से बचते बचाते हुए
दोनों ओर के घरों के आंगन में
फूलों की खूशबू बराबरी से
बिखर जाती हैं सीमाओं
के बंधन के परे हर तरफ़
वो हक़दार हैं इस आज़ादी के और
इंसान खुश हैं अपनी सरहदी क़ैदगाह में
-
10 OCT 2023 AT 16:13
पता है!
कभी-कभी कुछ भी हो जाता है
अब हर बात के पीछे कोई लाॅजिक हो
जरूरी तो नहीं*
-