कभी याद तो तुझे वो आता होगा,
याद ना सही ख्याल तो उसका आ ही जाता होगा,
कभी दिन के उजियारे में,
तो कभी रात के अंधियारे में,
किस कदर वो तड़प जाता होगा,
कभी तूने सोचा है,
तुझे पाने को कितना वो छटपटाता होगा,
हर साथ बिताया लम्हा कितना उसे याद आता होगा,
उन बातों कसमों वादों पर,
कितना रोना उसे आता होगा,
एक पल के लिए मिलने को, बात करने को,
कितना वो तरस जाता होगा,
यकीन कर जिस लम्हें में,
उसका सब्र का बांध टूट जाता होगा,
ना उससे जिया जाता होगा,
ना वो मर ही पाता होगा.....
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