""তিনটি জিনিস ফিরে আসে না
সময় - কথা - সুযোগ
তিনটি জিনিস হারানো ঠিক নয়
শান্তি - আশা - সততা
তিনটি জিনিসে পতন হয়
অহংকার - মিথ্যা - হিংসা
তিনটি জিনিস খুব দামী
ভালোবাসা - আত্মবিশ্বাস - বন্ধুত্ব""
—✍🏻.(Writer) Sandipan Saha-
कोई उदास है , परेशान या नाराज़ है ,
हम उन्हें समय देते हैं , प्यार से बात करते हैं ,
और बहुत जल्दी उनका mood ठीक कर देते हैं ।
जब हम उदास होते हैं , हम औरों से बात करते हैं ৷
जब हम औरों का mood ठीक कर सकते हैं ,
तो क्या हम अपना mood ठीक नहीं कर सकते ?
"अपने आपसे रिश्ता बनायें ,
अपने आपसे प्यार से बात करें ,
हमारा mood हम से अच्छा कोई ठीक नहीं कर
सकता"
** SELF COUNSELLING **
—✍.(Writer) Sandipan Saha
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"मन मेरा चंचल है...
मुँह से बात निकल गयी...
हाथ गलती से उठ गया..."
हम अपने मन और इन्द्रियों के गुलाम हैं
गलत आदतों की गुलामी से हमें आज़ादी पानी है
स्वराज्य (self-rule) से ही स्वतंत्र (self-control) होंगे
मन वही सोचे जो मुझे सुख दे
मुख वही बोले जो दूसरों को सम्मान दे
हाथ वही कर्म करें जो सृष्टि को सुन्दर बनाये
|| Happy Independence Day ||
✍..
— (Writer) Sandipan Saha
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"" सत्य एक डेबिट कार्ड है पहले कीमत चुकाएं ,
और बाद में आनंद लें ।
झूठ एक क्रेडिट कार्ड है पहले आनंद लें ,
और बाद में कीमत चुकाएं । ""
—✍️.(Writer) Sandipan Saha-
"निजता और झूठ, रिश्तों को बर्बाद करते हैं।
आप रिश्ते की कितनी भी परवाह करें,
आप फंस ही जाएंगे।
अँधेरे में जो होता है वह सामने आ जाएगा"
—✍🏻.(Writer) Sandipan Saha-
"DIYA means TO GIVE
दिया जलना शुभ होता है ।
प्यार दिया , खुशी दिया , सम्मान दिया ,
सब को दिया और हमेशा दिया ।
एक दिया अनेकों का दिया जलाता है और
दीपमाला बन जाती है ।
Light the DIYA within to invoke DIVINITY
दिया जगा रहे , जीवन शुभ रहेगी"
"" दिवाली की शुभ कामनाएं ""
—✍🏻.(Writer) Sandipan Saha-
"दूसरों की नजरों में अच्छा बनने से अच्छा है,
खुद की नजरों में अच्छा बने"
—✍🏻.(Writer) Sandipan Saha-
"রাগকে মনে জায়গা দিলে
সম্পর্ক নষ্ট হয়
অভিমানকে মনে পুষে রাখলে
দূরুত্বের সৃষ্টি হয়
কিন্তু সব ভুলে ক্ষমা করে দিলে
প্রতিটি সম্পর্ক স্থায়ী হয়"
কলমে — সন্দীপন সাহা
—✍🏻.(Writer) Sandipan Saha
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"नदी में गिरने से किसी की जान नहीं जाती , जान तभी जाती है जब तैरना नहीं आता । परिस्थितियाँ कभी समस्या नहीं बनती , समस्या तभी बनती है जब हमें परिस्थितियों से निपटना नहीं आता । इसलिए अपनी सभी समस्याओं को शांति से सुलझाएँ "
—✍🏼.(Writer) Sandipan Saha-
"समस्या उतनी ही बड़ी होती है जितनी बड़ी हम पीड़ा उत्पन्न करते हैं"
—✍🏻.(Writer) Sandipan Saha-