चाटुकारों की मौज, हक़दारो के खाली हाथ देखिए अपने मुल्क में
पूंजीपतियों का उजला दिन, आम आवाम की स्याह रात देखिए अपने मुल्क में,
नियत नेक न हो तो बरकत नहीं होती, ये बोलने वाले
विनाश और विकास होते साथ साथ देखिए अपने मुल्क में,
सब भारत की संतानें है और आपस में भाईचारा है
बातें सभी किताबी हैं, छुआछूत, जात-पात देखिए अपने मुल्क में,
कहीं जलता मणिपुर कहीं जवान किसान का द्वन्द्व है
इजराइल, हमास छोड़िए युद्ध से हालात देखिए अपने मुल्क में,
अँग्रेजों की नींद उड़ाई हमने, मुगलों को भी धूल चटाई थी
सीमाओं की रक्षा, हरित, दुग्ध क्रांति दाताओं के जज्बात देखिए अपने मुल्क में,
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