Sandhya Veshkhiyar   (Sandhya)
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Joined 2 August 2023


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22 HOURS AGO

ये कविताएं हैं !
ये यूं ही नहीं लिखी जाती है ।
बड़ी मन मौजी है ये ,
ये जब दिल में आती है ,
तभी पन्नों पर लिखी जाती है।

कितने एहसास ये ,
लफ्जौ से बयां करती है,
कितने लम्हों की ये याद दिलाती है ।
लोग तस्वीरें संभालते रहते हैं ,
और ये नहीं खींची गई तस्वीरें भी ,
आंखों को दिखा जाती है।

ये कविताएं हैं !
इसे पढ़ो तो ,
लिखने वाले के मन का हाल
बता जाती है ।
ये कविताएं ही है,
जो हर बात को खूबसूरत बना पाती है।

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15 MAY AT 21:48

तरसती है आंखें
नींद के लिए ,
जहन में भी
ख्वाबों की प्यास है।

रातों में भी अब
दिन किए बैठे हैं ,
हर पल सोचते हैं
कि मंजिल पास है ।

जो होगा
सब अच्छा होगा ,
अब जिंदगी जीने की
इकलौती बस यही आस है।

-


12 MAY AT 15:15

Despite of being in so much pain
I still have the hope to live,
I still have the desire
to fulfill my dreams in one eve .

Like a weak person
I don't want to cry
I want to fly like a
independent bird in the sky.

I want to come out of this pain
and want to be happy again.
Life is like a business where
we sell emotions
Where we sometimes loss or gain.....

-


7 MAY AT 16:11

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-


5 MAY AT 16:13

रात सा ये दिल है मेरा ,रोशन उसमे जो चाँद है।
वो ख्याल तेरा है..

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5 MAY AT 0:12

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-


4 MAY AT 21:28

हारी जब मोहब्ब्त थी ,
तो उस रात किस्मत भी रोया था ।

होश गुम हुए थे सारे,
मानो दिल अपना सब कुछ खोया था ।

कुछ पल को सांसे महसूस नही हुई ,
शायद धड़कन ने कुछ खोया था ।

टूटा जब रिश्ता सारा कुछ पल को संभाला था ,
उस शक्श से खुद को शायद उसने उस रिश्ते को ,
कुछ पल के लिए और संजोया था ।

गलत हुआ था एक मुहावरा उस रात ,
की उसने वही पाया जो उसने बोया था।

-


3 MAY AT 12:36

हर दर्द छुपाने के लिए ,
हम मुस्कुराना सीख गए ।
वक्त ने इस जिंदगी को
इतना सिखाया ,
की कोई पूछे अब हाल अपना ,
तो सब ठीक है ,
ये बताना सीखे गए।

-


1 MAY AT 23:37

खुद को बेहतर बनाने की कोशिश में
मैंने वो खो दिया ,जो मेरा था !
मैंने मेरी हंसी खो दी,
आंखों का नूर खो दिया ,
खुद का गुरुर खो दिया।

तोड़ दिया उन ख्वाबों को ,
जैसा बनने की ख्वाहिश में मैं जिया करती थी।
खो दिया उस आवाज को ,
जिनके सहारे मैं खुद के लिए लड़ा करती थी ।

आज जब मैं आईने में खुद को देखती हूं,
तो आईने में मैं नजर नहीं आती।
नजर आती है आंसुओं में लिपटी लड़की,
जो लाख कोशिश कर ले ,
पर अपनी पुरानी परछाई तक को ढूंढ नहीं पाती।

सोचती हूं !
मेरी मुस्कुराहट मुझे तलाशती होगी ,
मेरी आवाज मुझे पुकारती होगी ,
काश! मैं अपनी मुस्कुराहट को मिल जाऊं ,
काश !मैं अपनी आवाज को सुन पाऊं ।

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1 MAY AT 20:05

एक रात है जो कटती नही
तन्हाइयो से भरी रात है
की अब ये रात ढलती नही।

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