Sandhya Veshkhiyar   (Sandhya)
179 Followers · 46 Following

read more
Joined 2 August 2023


read more
Joined 2 August 2023
2 JUL AT 19:32

दब जाते है कितने आवाज,
हर बार इस जहान के ,
सवालों से डर से।
वरना शायद दिल टूटने की आवाज,
भी काफी जोर से सुनाई दिया करती होंगी।

-


2 JUL AT 12:20

हालात दूसरो के समझ नहीं आतें।

-


30 JUN AT 11:52

गांव छोर शहर में बसे लोग
अब शांति की तलाश करते हैं
जैसे मुरझाए हुए फूलों से
खुशबू की आश करते हैं।

-


27 JUN AT 19:06

सपने कभी छुट्ते नहीं,
अगर उन्हें पूरा करने की हिम्मत हो,
वो बस कुछ पल के लिए थम से जाते हैं,
जेसे एक कस्ती बिना लहर के थम जाती है।

-


26 JUN AT 19:06


सपनों की खूबसूरत चादर लिए
हर रात ही आसमान आता है
हर रात चांद सितारों को देख
यह जहान सो जाता है
जगे रह जाते हैं वह लोग
जो खुली आंखों से सपने देखा करते हैं
वरना क्या ही है
हर रात अंधेरे को देख
लगभग हर इंसान सो जाता है

-


24 JUN AT 0:15

अपने मयार से नीचे आ भी जाओ ,
तो भी यकीन नहीं करेंगे हम ।
बातों से क्या ,
दिल चीर कर भी अब दिखा दो ,
फिर भी अब तुमसे मोहब्बत नहीं करेंगे हम ।

-


22 JUN AT 1:17

जो लोग चार दीवारों के बीच
छत के नीचे सोते हैं ,
लोग कहते हैं खुशनसीब है वो ,
जिनके अपने घर होते हैं ।

पर क्या हो अगर ,
वह घर नहीं पिंजरा बन जाए
जिससे निकलने को
दिल हर रोज छटपटाए ।
पिंजरे से आसमान तो
साफ नजर आए।
पर उस आसमान का क्या फायदा ,
जहां वो पंछी उड़ ही ना पाए।

-


22 JUN AT 1:04

कुछ दरारे दिल की कभी नहीं भरती है ,
कुछ सीलन बारिशों के बाद भी नहीं हटती है ,
कुछ तकलीफें दिल में ऐसे घर कर जाती है ,
कि वक्त पानी की तरह बहता है ,
पर वो तकलीफें हमारे साथ ही चलती है।

-


19 JUN AT 1:24

अंधेरे से खौफ खाने वाली वो लड़की ,
आज अंधेरे से मोहब्बत करती है ।

रोशनी अब उसे पसंद नहीं आती ,
रोशनी अब उसकी आंखों को चुभती है ।

रातों में जागने की अब आदत लगी है उसे ,
अब वो सुबह हर रोज देर उठती है।

आंखों के काले गड्ढे भी अब आसानी से दिखाई देते हैं ,
उसके दिल का हाल उसकी आंखें कहती है ।

शायद वक्त से लड़ रही है वो,
इसलिए अब बुझी बुझी सी लगती है।

-


19 JUN AT 1:13

यही दुनिया की रीत है ,
की....
फूल चाहिए तो कांटों पर चलना होगा ,
अगर जीना है तो फिर जहर भी पीना होगा ,
कुछ भी आसानी से नहीं मिलती यहां पर
संघर्षों से भारी रीत बनाई इस जग ने ।
अगर खुद को भी पाना है ,
तो सब कुछ खौना होगा ।

-


Fetching Sandhya Veshkhiyar Quotes