इतना मुश्किल भी नहीं है
बस औरों के लिए जीना छोड़
खुद के मन की आवाज सुननी होती है
दिखावे की नहीं, अपने पसंद की थोड़ी
कदर करनी जरूरी होती है
पल में हंसना खेलना लड़ झगड़ के भी
फिर से ,उसी दोस्तो के साथ खेलना होता है
न बीते कल की बाते ,न आनेवाले कल की फिकर
सिर्फ आज और अभी में जीना होता है
न जितने का जुनून ,न हारने का डर
उसके लिए मजा तो बस खेलने में होता है
इतना मुश्किल भी नहीं है किसी बच्चे सा बनना
बस एक पल में खुद को दुनियादारी से अलग कर
खुद में खो जाना ही "बचपन" होता है
- संध्या
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લખવું એ મારો નશો છે
કે જીંદગી જીવવાની રીત...,😊😋
ये बात अब लोग कम ही पूछते है
क्युकी अब कौन सिर उठा के
अपने आसपास देखता है?
सभी बस, एक टेक्नोलॉजी से चिपके हुए है
जिसे आजकल लोग "स्मार्ट फोन"कहते है
- संध्या-
बनाई है मेने
इस अंधकार भरी दुनिया में
रोशनी से जगमगाते है लफ्ज़
और सवेरा सा सुकून दे जाते है
- संध्या
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लफ्ज़ तो लिखे नही गए
इतना आसान कहा होता है
जिंदगी की सच्चाई को बयां करना
सब कुछ सबसे सांझा करना
इतना सोचते ही
कागज यूं भीग गया
कहानी कहे बिना ही
कागज पे उतर गई
- संध्या
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But sometimes situations
Makes me unbalanced...
I try to make everything
With love ,
But sometimes people
Can't understand my Side...
- sandhya-
हौसले की कोई कमी नहीं है
दुनिया बुरी है तो क्या?
अपनेपन और विश्वास की कमी नहीं है
मुश्किल रास्ता है तो क्या?
सफलता और साहस की कमी नहीं है
कोई साथ नही तो क्या?
हमसफर के साथ की कमी नहीं है
नफरते बढ़ रही तो क्या?
दिल में प्यार की कमी नहीं है
- संध्या
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वक्त चाहे कैसा भी हो
ये वैसे भी रुकता कहा है
किसी के लिए
तुम्हारा अच्छा बुरा कैसा भी
निकल ही जाएगा
- संध्या
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मस्त रहना सिखो
भटकते हुए ही
जिंदगी के मजे
लूटना सिखो
क्या रखा है
कैद की जिंदगी में
खुले आसमान के
नीचे लहराना सिखो
- संध्या-
जो सब में
किसी न किसी रूप में
होता जरूर है
जो बाहर से नई दिखाई देता
उसे बस अपनी मनकी
आंखो से देखना होता है
- संध्या-
कभी न कभी
मिलता जरूर है
थोड़ी देर से ही सही
जो आपका हो लौट के
आता जरूर है
- संध्या-