sandhya singh   (Sandhya Singh)
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ss840089@gmail.com
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Joined 3 June 2020


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13 JAN 2022 AT 19:18

दिल से डर और लिहाज की झिझक हटाकर,
हर लड़की जिंदगी से लड़ाई लड़ सकती हैं।

सिर्फ Attitude में दबंगई रखने की बात है।
हर लड़की भी फिर लक्ष्मीबाई बन सकती है।

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4 JAN 2022 AT 10:20

मुझे जिन्दगी का इतना तजुर्बा तो नही,
पर सुना है सादगी मैं लोग जीने नही देते!!

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29 DEC 2021 AT 23:59

"टूट चूका हूँ बिखरना बांकी है,
बचे कुछ एहसास जिनका जाना बांकी है,
चंद सांसें है जिनका आना बांकी है,
मौत रोज मेरे सिरहाने खड़ी हो पूछती है
भाई आ जा, अब क्या देखना बांकी है I"

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29 DEC 2021 AT 23:41

रोती रहती हैं हर रोज अंधी हसरतें बिन बात
सोये रहतें हैं अपनों की खातिर हमारे जज्बात
करते है हम लाखों मीलों का सफर उम्रभर में
पर कर ना पातें है हम ताउम्र खुद से ही मुलाकात
बनाया था रब ने हमें तो भगवान जमीन का
ध्यान से देखो खुद को, कितने खास है हम
कुछ भी नही, सिर्फ एक जिंदा लाश है हम

धरती पर परमात्मा स्वरूप माँ बाप प्यारे मिले
मिलकर दोस्तों से पतझड़ में भी सुगन्धित फूल खिले
पर देखकर अपनों को कभी ना दिल की कली खिली
करते ही रहे हम ताउम्र अपनों से शिकवे-गिले
बाकी जो बचा वो माँ कुदरत ने डाल दिया झोली में
पर सब कुछ होकर भी, बिन बात उदास है हम
कुछ भी नही, सिर्फ एक जिंदा लाश है हम!!

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25 DEC 2021 AT 16:42

At the time of examination, we have to confide
 To wake up, one needs to live in the present 


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23 DEC 2021 AT 6:00

अब कौन रोज़ रोज़ ख़ुदा ढूंढे,
जिसको न मिले वही ढूंढे ..

रात आयी है, सुबह भी होगी,
आधी रात में कौन सुबह ढूंढे ..

जिंदगी है जी खोल कर जियो,
रोज़ रोज़ क्यों जीने की वजह ढूंढ़े ..

चलते फिरते पत्थरों के शहर में,
पत्थर खुद पत्थरों में भगवान ढूंढ़े ..

धरती को जन्नत बनाना है अगर,
हर शख्स खुद में पहले इंसान ढूंढे ... !!

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23 DEC 2021 AT 5:50

एक दिन सपना नींद से टूटा
खुशी का दरवाजा फिर से रूठा

मुड़ कर देखा तो वक्त खड़ा था
जिंदगी और मौत के बीच पड़ा था

दो पल ठहर के मेरे पास वह आया
पूछा मिली थी जो खुशी उसे क्यों ठुकराया

ऐसे में जब मैं हल्का सा मुस्कुराया
नजरें उठाई और तब सवाल ठुकराया

जवाब सुनकर वह भी रोने लगा
कहीं ना कहीं मेरे दर्द में खोने लगा

मेरे भाई हसा नहीं कभी खुद के लिए
जिया हो जिंदगी पर ना कभी अपने लिए

इस खुशी का एक ही इंसान मोहताज था
मेरी जान मेरी धड़कनों का वो ताज था..

खत्म हो गई थी और खत्म हो गई थी

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21 DEC 2021 AT 12:19

“Never compare your journey with someone else’s. Your journey is your journey not a competition.”

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21 DEC 2021 AT 12:12

“Not everyone will understand your journey. That’s fine. It’s not their journey to make sense of its yours.”

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19 DEC 2021 AT 19:22

To be real to others
First you must be real
With yourself....

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