samandar gehra ho,
lehrein achi aur lehja sahi.
tum galat pehchante ho,
main insaan itna acha nahi.-
...........👑Hyderabadi👑..........
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#naa_kisi_ki_aas
#naa_kisi_ke_... read more
तू दर्द में लिपटा मैं सुकून से जीलूं कैसे।
देख कर आंखें भर आई ,तुझे बोलूं कैसे।
मेरे कांपते हाथों से तुझे चूलूं कैसे।
सबक जो मिला है, तुझे भूलूं कैसे।
राज़ कोई दफ़न है उसे खोलूं कैसे।
दर्द की ज़िंदगी हैं, खुशी से डोलूं कैसे।-
कुछ ऐसी हरक़त वो हकीकत में करदें।
मुझ को फ़क़त अपनी वसीयत में करदें।-
लापरवाही, फ़रेब, गुस्सा, नफ़रत, फ़ायदे में तोला गया।
बहुत कम रिश्तें थे, जिनमें इश्क़ को इश्क़ बोला गया।-
के हम तेरा ज़िक्र न करते तो क्या करते।
किसी ने पूछा था वफ़ा किसे कहते हैं ।
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वो कहता,
उसके ग़मों पर,अकेलेपन पर,
इस क़दर हावी हूँ मैं।
सबर,सुकूँ ,और ख़ुशियों की
चलती फ़िरती चाबी हूँ मैं।-
के मुझ को पसंद हैं बातें तुम्हारी,
आओ इस ख़ामोशी को ख़फ़ा करते हैं।
गीले शिकवे ,ग़ुस्सा शिक़ायत ज़रूरी हैं।
आओ हमारी नासमझी को दफ़ा करते हैं।
इश्क़ का मासूम होना सचमुच लाज़मी हैं।
आओ फैसला तुम्हारा हैं
बेवफ़ाई या वफ़ा करते हैं।
हमने जाना तो ये जाना,
इश्क़ गुब्बार है जज़्बातों का।
भरोसा,वादे,इंसान के टूटने को,
हम फलसफ़ा करते हैं।
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मुझे बेहतर बनाने का वादा वो छोड़ रहा है।
मुझे अपना कहा ,मुझको ही वो तोड़ रहा है।
ऐसा बिल्कुल भी नहीं कि काबिलियत नहीं उसमें,
वो मुझ से नहीं,आने वाले वक़्त से मुँह मोड़ रहा है।-
इश्क़ में तेरे सिवा कभी
ख़ुद को भी देखा नहीं हम ने।
ज़िन्दगी का बेजान हिस्सा था तू,
फ़िर भी फ़ेंका नहीं हम ने।-
इस मोहब्बत से लोग ख़फ़ा बहुत हैं।
सिर्फ़ तुम नहीं,
तुम्हारे अलावा भी बेवफ़ा बहुत हैं।-