भोपाल सिर्फ शहर ही नहीं ,
मेरा सपना बन गया है,
यहां सिर्फ रहना नहीं,
यह मेरी तलब बन गया है,
आई तों थीं पढ़ने यहाँ प़र,
यहाँ की ख़ूबसूरती नें मुझे,
इसका दीवाना बना दिया है,
हाँ याद आती है,
कभी कभी मुझे अपने गांव की,
पर यहां की हवाओ नें,
मुझे अपना बना लिया,
हाँ यहाँ नहीं है लोग पहचाननें वाले ज्यादा,
पर मेरे दोस्त भी किसी से कम नहीं है......
-