कोई जरा सा खोने पर भी रोने लग जाता है , कोई सब कुछ खो कर भी हसता रह जाता है, कोई चार कदम चल कर ही थक जाता है, कोई मंजिल मिलने पर भी आगे बढ़ जाता है, कोई थोड़ी सी मुसीबतों से हीं हार जाता है, कोई आंधी को भी मात दे आता है, कोई जरा सी भी तकलीफ ना सहन कर पाता है, कोई दर्द बेहिसाब लेकर भी हर वक़्त मुस्कुराता है, कोई जरा सी बात पे खफा हो जाता है, कोई हर बात पर सिर्फ ठहाके लगता है, कोई सब कुछ पा कर भी अधुरा रह जाता है, कोई थोड़े में ही सुकून से भर जाता है, कोई जिंदगी से हार जाता है, तो कहीं जिंदगी हार जाती है, कभी सास टूट जाती है, तो इंसान बिखर जाता है,पता नहीं ये जिंदगी भी कैसे कैसे रंग दिखाती है, कहीं उजाला छूट जाता है, कहीं अंधेरा वापस लौट आता है...!!
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