उसके बेइंतहा इश्क मे समय यूं गुजरता गया,
मेज पर रखी किताबे भी मेरी राह देखती रही ।।
मै उसके ख़्वाब ए मोहब्बत से वाकिब कहा
बस यूं ही उसके सपने संजोता गया ।
धूल से चिपकी किताबे भी मुझे भूलती गई,
और मै उसकी मोहबत्त में इसकदर बर्बाद होता गया ।
समय गुजरता गया न प्रेमिका रही,ना इंतजार करती किताबे,न स्वयं मे मै,ना मेरे अल्फाज सिर्फ थी तो असफलता,निराशा, नम भरी आंखे बिलखता हुआ मै स्वयं...
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