असफलताओं ने उन्हें
गुमनामियाँ सौगात की,
खाली जेबों ने अकेलापन,
और फिर "कुछ किताबों"
ने संभाल लिया लिया 'उन'
अकेले रहने वालों को....
जो बता ना सके अपनी
परेशानियां किसी को !-
जीवन में वो उसके 'सौरभ' भरना चाहता था,
एक छद्म 'मुस्कान' ने उसे 'साहिल' लगा दिया!-
गंगा शुद्धि करे तन की,
पाप करवावें मन!
धुले ना गंगा मन तेरी,
डुबकी लगावे चाहे अनन्त: ।।-
समय बदल रहा है
पल बदल रहा है
कल के लिए
आज और कल बदल रहा है
हर साल का यह शगल रहा है
12 अध्याय और 365 अवसर
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!-
भागता हुआ दिन,
या ठहरी हुई रात
ढूंढ रहा हैं क्या तू
अपनी उदित सुबह
यह ढलती शाम!
जीवन पथ पर जब
संघर्ष चुना तुमनें,
तो क्या फर्क़ पड़ता
हैं मंज़िल पर सुबह
पहुचें या शाम !-
दस सर थे मेरे पर,
छुपाया ना कभी!
चेहरे के पीछे चेहरे,
हैं लिए बैठे यहां कई
जला मुझे अपने कर्मों,
पर्दा डाल रहे सभी!-
उपवास रखने से यदि ईश्वर प्रसन्न होते,
तो गरीब का जीवन अधिक सुखमय होता!-
जीवन में स्वंम ही इतना संघर्ष
कर लो कि कल अपने बच्चों के,
आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए
किसी दूसरे का उदहारण ना देना पड़े!-
"प्रेमिका" प्राकृतिक है,
पत्नी सामाजिक !
प्रेम स्वयं के लिए
सामाजिक बंधन
समाज के लिए
इसलिए प्रेम अक्षुण्ण
तत्व है जो अनवरत है
राम-सीता का बंधन
समाज ने तय किया
और समाज ने क्षीण
राधा-कृष्ण का रिश्ता
प्रेम का वो कल भी
प्राकृतिक था आज भी है
अनवरत था और रहेगा !-
जरूरी नहीं कि बुरे कर्मों के वजह
से ही जीवन मे दर्द सहने को मिले,
कई बार हद से ज्यादा अच्छे होने
के भी कीमत चुकानी पड़ती हैं...!-