dekhkar kar khubsurti jindagi ki ,
jisne ki burai maut ki,
chand lamho me tuta khwab unka,
jb unki ankho me dikhi sachchai maut ki .-
पहचानकर भी कोई पहचान न पाया,
टूटा क्यू मै ये कोई जान न पाया,
किसी को मेरा गुमसुम सा ,
तो किसी को मेरा हसना पसंद न आया,
ज़िंदगी गुजरी मंज़िल के रास्तो में,
क्यूंकि चाहकर भी मै अपने अल्फाज बयां न कर पाया।
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उड़ चला मै इक पंछी सा,अपने मंज़िल की ओर,
छोड़ दिया उन रिश्तो को , जो बंधे थे स्वार्थ की डोर,
प्रवेश किया ऐसे संसार में ,ज़हां न था कोई शोर,
बस था तो चिड़ियों का कलरव, विश्वास का प्रकाश चारो ओर।
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दोस्ती अवांरा हुई,
मोहोब्बत गवारा हुई,
था कारवां बहुत बड़ा मेरे साथ,
लेकिन अंत मे जिंदगी सिर्फ तू सहारा हुई-
बेशक नज़रें तेरी भांप ज़ायें,
लेकिन दिल की बात ज़ुबान पे न आए,
फिर भी समझ लेंगे हम बाते दिल की आपके,
क्यौकि है आप मेरी रूह मे समाए।
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कही यूं दिल की बात इशारों मे आपसे,
समझते हुए भी आप अंजान बन गए ।
ज़िंदगी में हमारे आप बहुत खास थीं,
लेकिन हम ज़िंदगी मे आपके होते हुए भी ,
महमान बन गए।।
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कर न पाउंगा इज़हार-ए-इश्क आपसे कभी,
डर लगता है दिल टूट न ज़ाए कहीं,
कट ज़ाएगी जिंदगी आपके साथ रहकर,
प्यार न मिला तो दोस्ती ही सही।-
प्यार का न कोई नाम हैं,
प्यार तो बस दो दिलो का अंज़ाम है,
दर्द देना प्यार का काम है,
आज़कल तो प्यार हवस का पैगाम है।-
काश यूं फिल्मों की तरह ,
इक ज़हां होता,
जिसमे न गम का नामो निशा होता,
साथ मिलकर पूरी करते ख्वाहिश एक दूसरे की,
तू बन जाती मेरी रूह ,मेरा अश्क(परछाईं) तुझमें बयां होता।-
hai to lankho log yu meri jindagi me ,
lekin apsa koi khas nhi,
pyar kiya h apse dil se ,
ap bhale hi bhul gayi hme,
lekin hm apko bhul jae aisi koi rat nhi
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