कुछ जानते थे,
कुछ को मैने शौख से बता दिया,
बड़ी फुर्सत में बैठे थे उस रोज़,
उसने लबों पे रकीब को ला दिया,
वो नाम सुन,नजरे फ़ेर, मै मुस्करा दिया,
कमबख्त उसने भी तहज़ीब से मासूमियत का फायदा उठा लिया....
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सुनो तुम मेरे ख़यालों (रातों) में ही मसरूफ़ रहना,
हकीक़त (उजाले) में ये दुनिया बहोत ज़ालिम हैं.....
तुम, मैं और वो, की कशमकश ख़्यालों में तो नहीं,
पर इस ज़मी पर,
बेवफ़ाई की हवा से हर कोई वाकिफ़ हैं.....
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नजरे झुका, मैं नज़र क्या उठाया,
बहोत नज़रे मुझपर अङी थी,
ये झुका नजर उठ कैसे गया, चिंता उनको ये पड़ी थी...-
वक्त तो यू बदनाम है, इस बेईमान ज़मानो में...
वो तो देख ढलता है, बदलते इंसानों में...-
यादे बिखेर कर ये साल भी निकल गया,
किसी के लिए बुरा था, तो किसी के लिए अच्छा गुजर गया,
फिर से नए कैलेंडर का शुरुआत होगा,
यादों की बुनियाद होगा,
झूठा ही सही नया शुरुआत होगा,
नया है..नये में कुछ तो बात होगा...
HAPPY NEW YEAR ❤
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देखा हु कई बार पहचान नहीं पाया हूँ,
हर बार आँखें खोलने के बाद 'उसे' सम्भाल नहीं पाया हूँ !!
उससे मिला नहीं अबतक,जाने कहां वो भी गुमनाम है,
मैं बना हु उसके लिए, लगता है वो भी इससे अनजान है !!-
खुला छत,
ऊपर गहरा आसमान हैं,
पार कैसे पाउ,
गिरने पर बड़ा अपमान हैं,
आज हौसला चाहिए उड़ने का,
कल भीड़ में अपना ही 'नाम' है!!-
कल मेरी मुस्कुराहट की शाम ढल जाएगी...
वो कॉलेज तो रहेगा...
पर 'मेरी मुस्कान ' ❤️ उस रास्ते नहीं आएगी...
इन्तजार तो रहेगा...
लेकिन मेरे सामने से गुज़र नहीं पाएगी....-
यू तो ज़ख्म बहोत है,
पर छुपाना जानता हू साहब!
मेरे जख्म को कोई मज़बूरी ना समझे,
इसलिए दर्द में भी मुस्कुराना जानता हू साहब!!-