कुछ तो ख़ास रहा हैं संदीप तुझ में,
तुझ से बिछड़ कर सभी ख़ुद से मिलते हैं ।-
तुम्हारी dairy में लिखीं कहानियों का हीरो मैं कभी नहीं रहा..
आज भी तुम्हारी dairy में किसी ओर हीरो का ज़िक्र हैं..
लेकिन क्यू मैं उस हीरो को खुद में जीते रहता हूं?
मैं तो सिर्फ हमेसा एक किरदार था तुम्हारी कहानी मैं...
जिसे कभी भी पूरी कहानी नहीं मिलती हैं जीने के लिए!-
Sometimes there's honour in suffering alone. Not every pain deserves to be shared.
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Love with your entire soul and destroy anything that threatens that love.
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कभी कभी हमे बहुत कुछ कहना होता हैं
उसके साथ हंसना होता हैं
उसके साथ रोना भी
कभी कभी बस हम उसे सुनना चाहते हैं
तो कभी ऐक टक देखना उसे
पर नहीं होती हैं कोई भाषा हमारे पास
बस एक लंबी ख़ामोशी होती हैं दोनो के दरमियां
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कितने सौभाग्यशाली हो तुम ,
कि याद तुम्हारी ,
घर है किसी का....
घर ऐसा ,
कि जिसमें बिखरा पड़ा है सब कुछ.....
घर संवारने के लिए ,
फिर भी कोई तुम्हें याद करना बंद नहीं करता....-
फिर वो खुश बख्त पलट आया तेरी दुनिया में
जिसके जाने पे मुझे, तुने जगह दी थी दिल मे...
- Tehzeeb hafi-
कितना दुःखद है एक इंसान का टूट जाना
जिसकी चीखें सिर्फ़ वहीं सुन सकता है
अपने मौन के साथ वह
धीरे-धीरे समाहित हो जाता है
गहरे एकांत में..-