Sandeep S.   (Sendy)
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Joined 20 September 2019


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Joined 20 September 2019
21 JUL 2021 AT 19:44

मोहब्बत पहली, दूसरी,और तीसरी नहीं होती , मोहब्बत तो एक बार होने के बाद दोबारा नहीं होती ।

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23 MAY 2021 AT 19:24

बदल कर खुद को इतना गुमार मत कर,
रात हुई है तो दिन का इंतज़ार भी तो कर ,
आसुओं की लकीरें क्यों खींचता है अपने चेहरे पर,
तभी तो कहता हूं यार हर किसी से प्यार मत कर,,

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29 SEP 2020 AT 19:30

थोड़ी सी रौशनी बहुत है,
अंधेरों में तुम्हारी खोई हूई खामोशियों को ढूंढने के लिए .....

S.Sanga

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19 AUG 2020 AT 21:39

एक तस्वीर ही तो मांगा था तुम्हारा , ताकी अंधेरों में रौशनी की तो नहीं , लेकिन तुम्हारे एहसासों की कमी को पूरा जरूर कर दे।

अधूरे पन्ने......


Sanga

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14 JUN 2020 AT 19:03

अंधेरों में चिराग़ चलाने वाले जनाब,
आज ख़ुद चिराग़ बुझा कर क्यों चले गए ?




Sandeep sanga

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11 JUN 2020 AT 16:55

मैंने वक़्त से थोड़ी मोहलत और मांग ली है,
ताकी तुम्हे और क़रीब से जान सकूं।









Sandeep sanga

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11 JUN 2020 AT 11:05

नदी मे नाव
और जीवन में घाव
अगर हो तो जिंदगी में आगे बढ़ने का हौसला बढ़ जाता है।






Sandeep Sanga

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3 JUN 2020 AT 20:41

पता नहीं जिंदगी का आख़िरी पन्ना कब भर जाए! और सोचने का वक़्त भी पन्नों के साथ खत्म हो जाए, इसलिए हर पन्नों को लिखते वक़्त पंक्तियों को अन्त में जरूर पढ़ लेना चाहिए, ताकि अगले दिन नये पन्नों में कुछ अच्छा लिख सको। और अन्त में डायरी भरने के बाद ये ना बोलना पड़े कि पन्ने भर गए और कुछ अच्छा लिखा ही नहीं । इस लिए कुछ ऐसा लिखो कि डायरी को पढ़ने वालों के ज़िन्दगी में कुछ बदलाव लाया जा सके......


Sandeep Sanga.

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2 JUN 2020 AT 11:45

चाहत और गहरी हो जाती है जब,
खामोशियां अंधेरे में खूबसूरत दिखाई देती है।




Sandeep Sanga

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2 JUN 2020 AT 10:56

ख़ूब कहा लोगों ने हमें कि हमनें उन्हें बदनाम कर दिया,
ख़ूब कहा लोगों ने हमें कि हमनें उन्हें बदनाम कर दिया।
ऐ हुस्न के चाहने वालों ज़रा हमसे भी तो पूछो कि उस हुस्न ने हमें किस तरह बरबाद कर दिया।

Sandeep Sanga

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