मोहब्बत पहली, दूसरी,और तीसरी नहीं होती , मोहब्बत तो एक बार होने के बाद दोबारा नहीं होती ।
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Being single is my ... read more
बदल कर खुद को इतना गुमार मत कर,
रात हुई है तो दिन का इंतज़ार भी तो कर ,
आसुओं की लकीरें क्यों खींचता है अपने चेहरे पर,
तभी तो कहता हूं यार हर किसी से प्यार मत कर,,
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थोड़ी सी रौशनी बहुत है,
अंधेरों में तुम्हारी खोई हूई खामोशियों को ढूंढने के लिए .....
S.Sanga-
एक तस्वीर ही तो मांगा था तुम्हारा , ताकी अंधेरों में रौशनी की तो नहीं , लेकिन तुम्हारे एहसासों की कमी को पूरा जरूर कर दे।
अधूरे पन्ने......
Sanga
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अंधेरों में चिराग़ चलाने वाले जनाब,
आज ख़ुद चिराग़ बुझा कर क्यों चले गए ?
Sandeep sanga-
मैंने वक़्त से थोड़ी मोहलत और मांग ली है,
ताकी तुम्हे और क़रीब से जान सकूं।
Sandeep sanga-
नदी मे नाव
और जीवन में घाव
अगर हो तो जिंदगी में आगे बढ़ने का हौसला बढ़ जाता है।
Sandeep Sanga-
पता नहीं जिंदगी का आख़िरी पन्ना कब भर जाए! और सोचने का वक़्त भी पन्नों के साथ खत्म हो जाए, इसलिए हर पन्नों को लिखते वक़्त पंक्तियों को अन्त में जरूर पढ़ लेना चाहिए, ताकि अगले दिन नये पन्नों में कुछ अच्छा लिख सको। और अन्त में डायरी भरने के बाद ये ना बोलना पड़े कि पन्ने भर गए और कुछ अच्छा लिखा ही नहीं । इस लिए कुछ ऐसा लिखो कि डायरी को पढ़ने वालों के ज़िन्दगी में कुछ बदलाव लाया जा सके......
Sandeep Sanga.-
चाहत और गहरी हो जाती है जब,
खामोशियां अंधेरे में खूबसूरत दिखाई देती है।
Sandeep Sanga-
ख़ूब कहा लोगों ने हमें कि हमनें उन्हें बदनाम कर दिया,
ख़ूब कहा लोगों ने हमें कि हमनें उन्हें बदनाम कर दिया।
ऐ हुस्न के चाहने वालों ज़रा हमसे भी तो पूछो कि उस हुस्न ने हमें किस तरह बरबाद कर दिया।
Sandeep Sanga
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