सहना छोड़ो और कहना शुरू कर दो
दिखा ना सको मगर ज़रूर लिखा करो
अल्फ़ाज़ पर राज अपना कायम कर लो
यह दिल है तो दर्द भी ज़रूर हासिल है
मगर घुटन है तो ज़्यादा ही ख़तरनाक है
घोंट कर गला घुटन का सुख़न बन जा-
हृदय के गर्भ में पल रहा,
हर दिन आकार में बढ़ रहा,
क्या वृक्ष होगा विराट?
छाय... read more
हां मैं बढ़ता चला जा रहा हूं
जानी अनजानी सी राहों पर
ना शर्त है और ना शिकायत
मेरी नज़रें सिर्फ़ मंज़िलों पर
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हमका निहारत आय के बैठील बा
कपारे बांध न पाईब तोहार सेहरा
सोहत गोड़वा में नचावत सैंडिल बा
😀😄🥹🤓😎🥸😁🤪😋🤣😂😉-
This Is My Masked Face
And Inside Of Heart
More Unasked
Questions Race-
चंचल है यह मानव तन का मन
कहते है लोग मन पर क़ाबू रख
तो सुन लो शायर एवं कवि जन
कोरे पन्ने फाड़ कलम बाजू रख
यदि नही है मेरी बातों पर ध्यान
तो पन्ने संभाल क़लम चालू रख-
ज़िंदगी ने जो सीखाया धीरे धीरे,
धीरे धीरे सीखता और लिखता हूं।
भले कोई समझे इसे धीरे धीरे से,
धीरे धीरे समझ में ज़रूर आता है।-
सियासी मंतर में कैद बेटियां,
बैठी जंतर मंतर में अड़ी है।
इंसाफ़ का यह अंतर झेलती,
सत्ता के समानांतर खड़ी है।-
पढ़ लो यह चिट्ठी तुम्हें दिल का वास्ता
तेरे नाम के सिवा कुछ लिखा ना गया
लिखता भी कैसे मैं भला ब़े-क़द्र दास्तां
मुहब्बत नाकाम है मेरी लिखा ना गया-
बड़े साहिब-ए-मसनद बने घूमते हो...
क्या लग रह है ?
हर तरफ़ तुम्हारी झांकी है।
यह दौर फ़र्द-ए-इल्ज़ाम का है जनाब...
जाने और कितने ?
संगीन इल्ज़ामात बाकी है।-
अपनी हद में सरहद पर तैनात हूं,
जो भी जद में आया मैं देख लूंगा।
हिमाकत करे दुश्मन तो आफ़त हूं,
मारने को हर सरहद पार जाऊंगा।-