लाखों रंग संजोकर रखे हैं मैने अभी तक...(2)...
बिलकुल भी नहीं बदला मेरा पुराना ढंग ।
कैसे मनाते होली कभी होते तुम मेरे संग ?...(2)...
चलो छोड़ो इन बातों को ...(2)...
बाहर निकल कर देखो , मेरा उड़ाया रंग पहुँचा या नहीं तुम्हारे तक।-
एक वाक्य से ज्यादा कुछ नही है तू।
मेरी जिंदगी का गलत फैसला हैं तू।।-
पता नहीं था हालत कुछ यू होगी
देख कर अपने आप को तकलीफ हर रात होगी
कैसा लगता होगा जब खुद का साथ खुद ही न दे पाओं
आँखो में नमी और सीने में जलन बेशुमार होगी ।।-
क्यूँ मेरी आँखों का तू चाँद बन गई,
ऐसे कैसे तू मेरे दिल का ताज बन गई।
मेरी आस का तारा मेरे ख्वाबोँ का सितारा हैं तू,
मेरी बच्ची तुझे ये जन्मदिन खूब मुबारक हो
इस जन्मदिन तू मेरी ओर खास बन गई।।-
मेरा रंग जो चढ़ा हैं, वो उतरने वाला नहीं कभी ....(2)..
दिन कितने भी गुजर जाए,
सूर्य कितनी बार भी निकल आये ।
पर ये जन्मों का बंधन है, छूटने वाला ये नहीं कभी ।।-
सोचो तुम जरा ये वक्त कब गुजर गया,
तेरी बाहोँ में कुछ यू सिमटा रह गया,
युही रहूँ तेरे नजदीक तेरे करीब मैं
की पता न चल पाए-
नया साल कब आया और कब चले गया ।।-
हर साल की तरह, इस साल भी कुछ खास होगा ।
जीवन के नए अनुभवों का प्रयास होगा ।
लगने लगे कभी अगर कि खुशी में मुश्किलें आ रही हैं.(2)
नई चुनौतियों के साथ नया साल आ रहा हैं,
सुख-दुख सबका एहसास होगा ।।-
talking with you is just like medicine for me..
it cures all my anxiety, stress, lighten me and solves all my problems-
जिंदगी ढल रही हैं कुछ इस तरह,
मुश्किलें बढ रही हैं कुछ इस तरह,
अगर इन चुनौतियों को पार भी कर लू मैं किसी तरह,
फिर भी नहीं रह पाउँगा मैं हमेशा के लिए पहले की तरह।।-