नदियों सा तरसा हूँ, सागर में मिलने को
सैलाब सा बहता रहूँ, बस कही बाँध ना हो
खुलकर कहा जीने देते हैं लोग आजकल
फ़रेब और वफ़ा सब रहे, पर कोई बेवफ़ा ना हो-
#iamsan
#अपनीकविता
वक़्त ही बताएगा आगे क्या आएगा
( जयपुरवासी )
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मेरी ख़ामोशी, अंदर से बहुत शोर कर रही है
मेरी खुदकी ख्वाहिशें,अब मुझे बोर कर रही है
और नजरअंदाज करना तुझें, तकलीफ दे रहा है मुझे
कम का तो पता नहीं, पर ये जो भी है, और बढ़ रहा है-
सुकून का एहसास क्या होता है???
सबके अपने अपने जवाब है
दो लफ्ज़ उनके मेरे कानों में
बस यही मेरा जवाब है☺️☺️-
जब हर तरफ बेहोशी है, तो होश में कौन है
किसी को डर खोने का, तो क्यूँ कोई मौन है
क्यूँ इंसान इतना सस्ता हो गया है आजकल
हर तरफ बैर है ,तो फिर रिश्तों में बचता कौन है-
यक़ीन मानों मेरा
जब आप अपनें फ़ोन से दूर होते हो
या जब आप अकेले होते हो, तो
अच्छी किताबों से बेहतर दोस्त
कोई नही हो सकता, कोई भी नही !!
आपको ख़ुदको निखारने के मौका मिलता है
आपको अपनें लिए वक़्त मिलता है !!!-
मयस्सर हुए हो किसी के लिए इस क़दर
तुम्हें क्या पता होगा कि मेरी तो जान जा रही है
और नासाज़ लफ्ज़ कहा ला पाते है जज्बात सामने
ये तो आँखों की नमी है,जो बेमौसम बरसात आ रही हैं-
लिखना मेरा शौक है और शब्द मेरे शौकीन,
कोरे कागज मुझें जचते नही, है क़लम मेरी रँगीन
मैं कुछ दास्तान ज़ज्बातो की, यूँ ही बयाँ करता हूँ
ये सैलाब कभी रुकता नही,और लफ्ज़ मेरे संगीन-
तुझे वक़्त नही मेरे साथ वक़्त बिताने को
मैं एक पूरी ज़िंदगी तेरा इंतेज़ार करना चाहता हूँ...-
तुझे वक़्त नही मेरे साथ वक़्त बिताने को
मैं एक पूरी ज़िंदगी तेरा इंतेज़ार करना चाहता हूँ...-
पहली नज़र का कहर, गोल आँखे, कजरारे नैन..
और मैं साजिश का शिकार होते होते बचा हूँ-