तू बस तू, तू ही चाहिए
कोई दूजा नही कोई तीजा नहीँ
बस तू चाहिए
कह दो जामने से
अपनों से बेगानो से
हर जन्म, हर लम्हा
तेरा ही दीदार चाहिए।-
यूँ तो हज़ारो आएंगे महफ़िल में,
आपका आना खास होगा।
कोशिश रहेगी नज़रे न मिलाने की,
वरना एक बार फिर ऐतबार होगा।-
हा ख़ामोश हुँ,
पर क्यों हूं?
शायद एक कोशिश है,
कि ऐहसास हो तुझे तेरे बिफ़िक्र होने का।-
बातें जो आंखों से पढ़ ली जाए ,
उसे क्यों शब्दो में बांधना चाहते है।
शायद ये जुबान उतना कह ही न सके जितना दिल मे संजोये है।
थोड़े कच्चे है शब्दो के खेल मे,
इसलिए चुप ही रहते है,
इज़हार भी नही कर सकते दिल मे है जो
क्योंकि आपको खोने से डरते हैं।-
मुकम्मल इश्क़ नहीं
मुक्कमल तो मौत होती है,
जो मिल जाये दुप्पट्टा मेहबूब का,
तो दफन होने की बात ही कुछ और होती है।-
पल गुजर रहे है,
जो दिन गुजरेंगे तेरे बिन,
ख़्वाहिशें खत्म हो जाएगी तुझे पाने की,
अभिलाषा रह जाएगी बस सांसे आने जाने की।
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शायरी क्या है,
हम तो दिल ही हारे बैठे है,
बन जायेंगे हम चाकर भी,
जो रख लो अपना बनाकर।
😜-
होती थी शामें, सुबह भी खुशमिज़ाज़ होती थी,
जब से मिले है तुझसे, हर दिन एक सवाल सी होती है।-