Sandeep kumar  
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Joined 1 February 2018


Joined 1 February 2018
31 DEC 2022 AT 22:26

तू बस तू, तू ही चाहिए
कोई दूजा नही कोई तीजा नहीँ
बस तू चाहिए

कह दो जामने से
अपनों से बेगानो से
हर जन्म, हर लम्हा
तेरा ही दीदार चाहिए।

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28 APR 2021 AT 21:30


यूँ तो हज़ारो आएंगे महफ़िल में,
आपका आना खास होगा।

कोशिश रहेगी नज़रे न मिलाने की,
वरना एक बार फिर ऐतबार होगा।

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28 JUN 2020 AT 23:21

हा ख़ामोश हुँ,
पर क्यों हूं?
शायद एक कोशिश है,
कि ऐहसास हो तुझे तेरे बिफ़िक्र होने का।

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8 DEC 2018 AT 19:42

Please read caption😊😊
.🙏🙏

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5 OCT 2018 AT 18:30

बातें जो आंखों से पढ़ ली जाए ,
उसे क्यों शब्दो में बांधना चाहते है।
शायद ये जुबान उतना कह ही न सके जितना दिल मे संजोये है।
थोड़े कच्चे है शब्दो के खेल मे,
इसलिए चुप ही रहते है,
इज़हार भी नही कर सकते दिल मे है जो
क्योंकि आपको खोने से डरते हैं।

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31 MAR 2021 AT 1:34

मुकम्मल इश्क़ नहीं
मुक्कमल तो मौत होती है,

जो मिल जाये दुप्पट्टा मेहबूब का,
तो दफन होने की बात ही कुछ और होती है।

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14 JUL 2020 AT 23:57

पल गुजर रहे है,
जो दिन गुजरेंगे तेरे बिन,
ख़्वाहिशें खत्म हो जाएगी तुझे पाने की,
अभिलाषा रह जाएगी बस सांसे आने जाने की।

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24 JUN 2020 AT 23:38

शायरी क्या है,
हम तो दिल ही हारे बैठे है,
बन जायेंगे हम चाकर भी,
जो रख लो अपना बनाकर।
😜

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24 JUN 2020 AT 23:28

होती थी शामें, सुबह भी खुशमिज़ाज़ होती थी,
जब से मिले है तुझसे, हर दिन एक सवाल सी होती है।

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18 JUN 2020 AT 22:21

तेरे जैसा कोई नही था,

अब सब, तेरे जैसा लगता है।

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