अहसास..
वो छुपा है कहीं बादलों में
या जमीन के नीचे पता नही..
आस पास उसकी महक उसका अहसास
जीने की राह वही..
वो दुर नही है अपने बंदे से
भले कोई भुला हो उसे अपनी उलझनों में आज
मानता हुं मैं मेरे साथ वो हरदम है
वर्ना इंसानी फितरत के साथ जीना
कहां इतना आसान है
बेनाम ही सही पर वो खुदा वो ईश्वर है..!
-